आने वाले दुख की आशंका में आज का सुख भी खो देता है इंसान - Web India Live

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आने वाले दुख की आशंका में आज का सुख भी खो देता है इंसान

भोपाल। शहीद भवन में चल रहे इफ्तेखार स्मृति नाट्य समारोह में रविवार को नाटक 'जलकुकड़े' का किया गया। नाटक का यह 7वां शो था। दो घंटे की प्रस्तुति हास्य के माध्यम से सामाजिक संदेश दिया गया। नाटक में कलाकारों का मेकअप विशेष रहा। कोई भूत तो कोई गुंडा लुक में नजर आया। नाटक से संदेश दिया गया कि आज की दुनिया में इंसान अपने दुखों से दुखी नहीं, बल्कि दूसरों के सुख से ज्यादा दुखी होता है। आने वाले दुख की आशंका में आज का सुख भी खो देता है।

चांद और अच्छे मियां को नहीं भाता साथ

नाटक में दिखाया चांद मियां और अच्छे मियां रिश्ते में समधी हैं मगर मिजाज दोनों के अलग हैं। दोनों के बच्चे उनको एक मकान देकर विदेश चले गए हैं। दोनों एक-दूसरे से पीछा छुड़ाने का जतन करते हैं, तभी उस मकान में सुरैया आती है जो उस मकान पर अपना दावा पेश करती है।

 

सुरैया करना चाहती है मकान पर कब्जा

अब चांद मियां और अच्छे मियां मिलकर सुरैया के कब्जे से बचने का जतन करते है, उस मकान पर लोकल गुंडे की भी नजर है, जो इन तीनो से छुटकारा पाकर मकान हथियाना चाहता है। नाटक में आगे दिखाया गया कि सभी को अपनी गलती का अहसास होता है। नाटक के माध्यम से मध्यमवर्गीय परिवार के मकान और अकेलेपन की समस्या के साथ एक-दूसरे के जलने कुढऩे की मानसिकता को हास्य व्यंग्य के माध्यम से प्रस्तुत किया है।



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