खटारा बसों के अच्छे हिस्से की तस्वीर लेकर फिटनेस जारी कर रहे हैं अफसर! - Web India Live

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खटारा बसों के अच्छे हिस्से की तस्वीर लेकर फिटनेस जारी कर रहे हैं अफसर!

कंडम बसों से MP में हो रही मौतों के लिए परिवहन विभाग ही जिम्मेदार है। विभाग के दफ्तरों में दलाल खुलकर मौत का खेल खेल रहे हैं। सरकार ने फिटनेस संबंधी जो नियम बनाए, उसे विभागीय जिम्मेदारों ने ही ताक पर रख दिया। नियम बसों की पूरी जांच के बाद हर हिस्से की तस्वीर लेने की है, लेकिन दलालों की मिलीभगत से अफसर खटारा बसों के अच्छे हिस्से की तस्वीर लेकर फिटनेस जारी कर रहे हैं। इसका खुलासा रतलाम, सतना और पन्ना स्थित परिवहन कार्यालय मेें काम करने वाले दलालों ने किया। पन्ना में एक दलाल ने यहां तक कहा कि रजिस्टे्रेशन ऑरिजनल न हो तो भी कोई बात नहीं। पांच हजार रुपए देेना और दस्तावेज व वाहन में कोई कमी हो तो वह भी चल जाएगी। खटारा बसों में यात्रा करनेे को विवश बेबस यात्रियों को मौत बांटने वाले जिम्मेदारों की पोल खोलती पत्रिका की रिपोट...

तीन केस से समझें फिटनेस का खेल

1. रतलामरू सिर्फ औपचारिकता
फिटनेस की प्रक्रिया ऑनलाइन है। आवेदन आने प बस देेखकर परिवहन विभाग के कर्मी सत्यापन करते हैं। ड्राइवर कैमरे के सामने वह का सही वाला हिस्सा दिखाता है। न तो बस चलाकर दिखाई जाती है और न ही कर्मी अंदर जाकर स्थिति देखते हैं।
अफसरों के कुतर्क भी कम नहीं...अफसरों का कहना है, स्टाफ कम है। यहां डीटीओ और एक बाबू ही तैनात है।

2. सतना- फोटो खींचने में कलाकारी
सतना में प्राइवेट कर्मचारी ही तय कर लेते हैं कि किसे फिटनेस देेना है और किसे नहीं। फिटनेस के लिए आने वाली गाडियों की तस्वीर खींचने का नियम है। लेकिन कई वाहन की तस्वीर बिना दफ्तर लाए ही दे दी जाती है। कुछ की तस्वीर इस तरह ली जाती है कि वाहन बाहर सेे फिट दिखे। उसे चलाकर देेखा तक नहीं जाता कि वह एक कदम भी ठीक से चल सकेगी या नहीं।

3. पन्ना में 5 हजार दो, फिटनेस लाकर देगा दलाल
आरटीओ दफ्तर में सक्रिय दलाल हर तरह की कमी पैसों के दम पर पूरी करने की क्षमता रखते हैं। पत्रिका ने एक दलाल से संपर्क किया तो उसने कहा, दस्तावेज नहीं हो, वाहन में कमी हो, तभी चिंता की बात नहीं। 5 हजार दो, फिटनेस प्रमाण-पत्र मिलेगा।

दलाल से हुई बातचीत के अंश...
- बस का फिटनेस कराना है
दलाल- कहां की गाड़ी है?
- दस्तावेज भेज दूं, कहां मिलोगे?
दलाल- 5 हजार लगेंगे। फिटनेस बन जाएगा।
- रजिस्ट्रेशन ऑरिजनल नहीं है?
दलाल- पांच हजार में दस्तावेज और वाहन की कमी भी चल जाएगी।

यहां भी हालात अच्छे नहीं
- बुरहानपुर के पुष्पक बस स्टैंड पर शाहपुर रूट पर चलने वाली एमपी 42 पी 0308 मिनी बस 24 सीटर है। इसमें 42 यात्री बैठाए गए। परिचालक ही नहीं, यात्री भी गेट पर लटकते दिखे।
- बुरहानपुर से इंदौर जाने वाली बस एमपी 09 एफए 3766 की खिड़कियों के कांच टूटे थे। इमरजेंसी गेट के पास सीट लगाकर यात्रियों को बैठाया गया।
- खरगोन में कुछ गाडियों के आगे नंबर प्लेट आधे-अधूरे तो किसी के गायब मिले। परमिट और फिटनेस वैधता कांच पर चस्पां नहीं हैं।

सिंगरौली- चार माह से बिना फिटनेस दौड़ रही बस
बैढन से सरई जा रही जर्जर बस एमपी 66 पी 0107 कृषि उपज मंडी के पास शनिवार दोपहर डेढ़ बजे मिली। चालक से परमिट के बारे में पूछा तो कहा-सब है। लेकिन परिवहन विभाग की वेबसाइट पर इसी बस की फिटनेस 12 जनवरी 2023 को खत्म हो गई। इंश्योरेंस भी 1 नवंबर 2011 को समाप्त हो गया। मामले में आरटीओ विक्रम सिंह राठौर का कहना है, किसी अनफिट बस को परमिट नहीं दी जाती। खटारा बसों की जाच कर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि तीन दिन में 12 बसों पर कार्रवाई की है।

छिंदवाड़ा- फर्श से दिख रही सड़क, आरटीओ बोले-अच्छी है
छिंदवाड़ा से देवगढ़ जाने वाली बस चिकने हो चुके टायर के साथ दौड़ रही है। फर्श जर्जर है। ड्राइवर के पास लंबी सीट के सामने फर्श से सड़क दिख रही थी। छत पर तिरपाल लगी थी। एक जगह फर्श के छेद को छिपाने प्लाई का टुकड़ा लगाया गया। ड्राइवर बोला-बस की हालत बहुत अच्छी है। तभी तो फिटनेस मिला। आरटीओ मनोज कुमार तेहनगुरिया का कहना था, दमोह में जो घटना हुई, वैसी स्थिति यहां नहीं है। जिस बस की बात कर रहे हैं, उसकी बॉडी बाहर से खराब दिख रही है, फर्श अच्छी है।

इससे ही सबक ले लेते...
2019 में बिस्टान के मोहनपुरा में दादी की गोद से 4 साल का अर्पित बस में बने गड्ढे से नीचे जा गिरा था। उसकी मौत हो गई थी।



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