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गल गयी रोहिणी, तो क्या कम भीगेगा भोपाल

भोपाल. नौतपा के पहले दिन बारिश हो गयी। शुक्रवार को दूसरा दिन भी बेअसर रहा। शाम को भी कुछ इलाकों में बूंदाबांदी हुई। इसलिए तापमान लुढ़क गया। आने वाले एक सप्ताह तक ऐसा ही मौसम रहेगा। ज्योतिषीय धारणा है कि जिस क्षेत्र में नौतपा में बारिश होती है तो उसे रोहिणी का गलना कहते हैं। फिर उस क्षेत्र में पर्याप्त बारिश नहीं होती। जहां पूरे 9 दिनों तक तपता है वहां पर्याप्त बारिश होती है। इस लिहाज से माना जा रहा है कि इस मानसून भोपाल में कम बारिश हो सकती है।
40 डिग्री से नीचे तापमान
शुक्रवार को शहर के ज्यादातर हिस्सों में दिन का तापमान 40 डिग्री के नीचे रहा। तेज हवाएं चली। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार एक सप्ताह तक मौसम का यही मिजाज रहेगा। यानी मौसम ठंडा ही रहेगा।
यहां बूंदा-बांदी
कई जगह शाम को बूंदाबांदी हुई। कोलार, एमपी नगर, जेल रोड, शाहपुरा, न्यू मार्केट, चूना भट्टी समेत कई इलाकों में बौछारें पड़ीं। इससे गर्मी से राहत मिली। दिनभर आकाश में बादल छाए रहे। तल्ख धूप नहीं निकली।
29 मई नया सिस्टम एक्टिव
मौसम विज्ञानियों के अनुसार 29 मई से एक सिस्टम फिर एक्टिव हो रहा है। हालांकि, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होने का असर यहां कम दिखेगा। इससे जून की शुरुआत भी आंधी-बारिश से ही होगी। जून तक मानसून की एंट्री भी हो जाएगी। जून से लेकर सितंबर तक मानसून का मौसम रहता है।
10 साल में 7 बार बारिश
10 साल में नौतपा के दौरान सात बार बारिश हुई। मौसम में बदलाव इस नौतपा भी जारी रहेगा। नोतपा खंडित होने की यह पहली घटना नहीं है। नौतपा के दौरान इसके पहले भी बारिश हुई है। 25 मई को सूर्यदेव ने रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश किया था। सूर्य के वृष राशि में 10 डिग्री पर चंद्रमा का नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है। प्रवेश करने पर माना जा रहा था कि अगले नौ दिनों तक सूर्य अपने सर्वाधिक तापमान में रहेगा।
नौतपा के दौरान बारिश
2011-1 मिमी
2014-2 मिमी
2017-1.2 मिमी
2019 - 1 मिमी



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