बच्चों को पैदल जाना होगा 'स्कूल', स्कूल शिक्षा विभाग नहीं कर पाया बस की व्यवस्था
भोपाल। बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए खुले सीएम राइज स्कूलों में एडमिशन लेने वालों को इस बार भी पैदल ही जाना होगा। बच्चों को वाहन की व्यवस्था करने एक साल बाद भी कोई ऑपरेटर तैयार नहीं हुआ। सरकारी शर्तों में यह मामला उलझा हुआ है।
राजधानी में छह सीएम राइज स्कूल हैं। करीब तीन हजार विद्यार्थी हैं। तीन स्कूलों के भवन बन चुके हैं जबकि कुछ का निर्माण चल रहा है। बच्चों को आधुनिक लैब, स्मार्ट क्लास की सुविधा के साथ ही घर से स्कूल तक लाने और ले जाने के लिए भी इंतजाम होना थे। लेकिन बस की व्यवस्था स्कूल शिक्षा विभाग अब तक नहीं कर पाया। गौरतलब है कि इन स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की अतिरिक्त नियुक्ति की है। प्रदेशभर से शिक्षकों का चयन कर इन स्कूलों के लिए चुना गया था। अब सुविधाओं की कमी उद्देश्य पर भारी पड़ रही है। राजधानी में एक स्कूल का अभी भवन तैयार हो रहा है। ऐसे में शेड वाले कक्षों में यहां पर कक्षाएं लगेगी।
चल रही है प्रकिया
जानकारी के अनुसार यह मामला शर्तों में उलझा है। बस की व्यवस्था ठेके पर कराई जानी है। इसके लिए टेंडर जारी किए गए थे। शर्तों के तहत छुट्टी के दिन की राशि काटी जाएगी। इसके अलावा अगर कोई बच्चा अनुपस्थित होता है तो उसकी राशि भी कम की जाएगी। इस मामले में अधिकारियों ने बताया कि यह प्रदेश स्तर का मामला है। सभी स्कूलों के लिए यह स्थिति बन रही है। शर्तों में संशोधन किया जाना है। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। अंतिम रूप लोक शिक्षण से दिया जाएगा। बताया गया कि जल्द इंतजाम की बात हो रही है।
अंजनि तिवारी, जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि व्यवस्था की जा रही है। इसके नियम और शर्तें तय करने का अधिकार लोक शिक्षण संचालनालय को है। अधिकारियों के बीच इस मामले में चर्चा चल रही है। जल्द सुविधा निर्धारित होगी।
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