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पुष्य नक्षत्र में सोना खरीदना क्यों होता है शुभ

ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र आठवां नक्षत्र होता है जोकि नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। यह नक्षत्र बहुत शुभ माना जाता है। खरीदारी करने के लिए यह श्रेष्ठ मुहूर्त माना गया है। भूमि-मकान, ज्वेलरी, वाहन, इलेक्ट्रिॉनिक्स, फर्नीचर खरीदना शुभ होता है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि पुष्य नक्षत्र में कोई भी नया कार्य बेहिचक शुरू किया जा सकता है।

पुष्य नक्षत्र में भूमि या मकान खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। ज्वेलरी, वाहन, सोना—चांदी, इलेक्ट्रिॉनिक्स, फर्नीचर, कपड़े आदि खरीदना भी अच्छा होता है। चूंकि पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई सामग्री स्थिर बनी रहती है इसलिए महंगी या मूल्यवान वस्तुएं खरीदना बेहतर रहता है।

पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं और देवता बृहस्पति हैं। बृहस्पति सबसे शुभ ग्रह हैं और शनि देव स्थिरता के प्रतीक हैं। पुष्य नक्षत्र में इन दोनों के गुण समाहित होते हैं। यही वजह है कि पुष्य नक्षत्र में प्रारंभ किए गए कार्य शुभ, सफल और चिरस्थाई माने जाते हैं। नया व्यवसाय शुरू करने के लिए तो ये सबसे अच्छा मुहूर्त है।

बृहस्पति और शनि के गुणों को समाहित करने की वजह से ही पुष्य नक्षत्र में सोना खरीदने की परंपरा है। गुरु देव बृहस्पति स्वर्ण के कारक हैं जबकि शनि देव इस महंगी धातु के स्थायित्व की गारंटी देते हैं। इसलिए बृहस्पति की प्रसन्नता के लिए लोग पुष्य नक्षत्र में सोना खरीदना शुभ मानते हैं।

दिसंबर के पहले दिन यानि शुक्रवार के दिन 1 दिसंबर को पुष्य नक्षत्र शाम 4.40 बजे से शुुरु होगा। पुष्य नक्षत्र दूसरे दिन यानि 2 दिसंबर को शाम 6.54 बजे तक रहेगा। इस तरह शुक्रवार को शुक्र पुष्य योग और शनिवार को शनि पुष्य योग बनेगा। साल 2023 का आखिरी पुष्य योग गुरु पुष्य योग 29 दिसंबर 2023 को है।

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