साधु वासवानी स्कूल: युवा दिवस पर विवेकानंद बनकर स्कूल पहुंचे स्टूडेंट्स, किया सामूहिक सूर्य नमस्कार
-हिन्दू धर्म व संस्कृति की पहचान करवाने वाले युवा थे स्वामी विवेकानंदः- विष्णु गेहानी
संत हिरदाराम नगर।
सुधार सभा द्वारा संचालित साधु वासवानी स्कूल में आज स्वामी विवेकानंद जयंती बड़े उत्साह व उमंग के साथ मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद जी की मूर्ति पर माल्र्यापण व दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। इस अवसर पर सामूहिक सूर्य नमस्कार का प्रदर्षन किया गया। जिसमें स्कूल के सभी विद्यार्थियों ने भाग लेकर एकरूपता से सूर्य नमस्कार किया।
शिक्षाविद् विष्णु गेहानी ने आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए विद्यार्थियों को बताया कि हिंदू धर्म संस्कृति व सभ्यता क्या है, अगर ये कोई बता सकता है तो वह है स्वामी विवेकानंद जी। हमें हमारी सभ्यता व संस्कृति की पहचान करवाने वाले स्वामी विवेकानंद महान व्यक्तित्व के धनी थे। आज उनके जन्मदिवस पर यह संकल्प लें कि प्रतिदिन सूर्य नमस्कार व योग करेंगे और अपने षरीर को फिट रखेंगे।
संत हिरदाराम नगर।
सुधार सभा द्वारा संचालित साधु वासवानी स्कूल में आज स्वामी विवेकानंद जयंती बड़े उत्साह व उमंग के साथ मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद जी की मूर्ति पर माल्र्यापण व दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। इस अवसर पर सामूहिक सूर्य नमस्कार का प्रदर्षन किया गया। जिसमें स्कूल के सभी विद्यार्थियों ने भाग लेकर एकरूपता से सूर्य नमस्कार किया।
शिक्षाविद् विष्णु गेहानी ने आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए विद्यार्थियों को बताया कि हिंदू धर्म संस्कृति व सभ्यता क्या है, अगर ये कोई बता सकता है तो वह है स्वामी विवेकानंद जी। हमें हमारी सभ्यता व संस्कृति की पहचान करवाने वाले स्वामी विवेकानंद महान व्यक्तित्व के धनी थे। आज उनके जन्मदिवस पर यह संकल्प लें कि प्रतिदिन सूर्य नमस्कार व योग करेंगे और अपने षरीर को फिट रखेंगे।
इस अवसर पर राजेश हिंगोरानी पधारे, जिन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद की जयंति युवा दिवस के रुप में मनायी जाती है स्वामी विवेकानंद जी कहते थे, जिस तरह स्वस्थ रहने के लिए भोजन की आवष्यकता होती है उसी तरह योग भी हमें निरोगी व स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अतः हमें प्रतिदिन योग करना चाहिए और खेल खेलने चाहिए ताकि हम निरोगी व स्वस्थ रह सकें।
कार्यक्रम में गुलाब जेठानी पधारे उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का असली नाम नरेंद्र नाथ था स्वामी विवेकानंद में अहंकार बिल्कुल नहीं था, वे पूरे विष्व को अपना भाई-बहन मानते थे, आज विद्यार्थी उनके जन्मदिवस पर हम यह संकल्प लें कि उनके पद चिन्हों पर चलकर नगर व विद्यालय का नाम रोषन करेंगें।
विद्यालय की छात्रा अंजली ने सूर्य नमस्कार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सूर्य नमस्कार सूर्य के प्रति सम्मान व आभार प्रकट करने की विधि है, प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने से हमारा षरीर निरोगी रहता है और हम आंखों व पेट संबंधी बीमारियों से दूर रहते हैं इससे विद्यार्थियों में एकाग्रता बढ़ती है यह योग हमें स्वस्थ व निरोगी रखता हैं।
इस अवसर पर विद्यालय के नन्हें-मुन्हें छात्रों ने स्वामी विवेकानन्द का स्वरूप धारण किया स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए कहा कि ‘‘उठो जागो और तब तक चलते रहो’’ जब तक आप अपने लक्ष्य में सफल ना हो जाओ। तत्पष्चात स्वामी विवेकानंद के स्वरूप में आने वाले विद्यार्थियों को पुरूस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया एवं स्वामी विवेकानंद जी के स्वरुप को भी सराहा गया।
इस अवसर पर, उप प्राचार्या स्वाति कलवानी, दीपा आहूजा, रुपाली मेशराम, प्रीति धनवानी, जीजी जैमन, आदि शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का मंच संचालन भावना कलवानी द्वारा किया गया।
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