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स्टूडेंट्स ने बनाई ऐसी डिवाइस, जिससे कम होगी सड़क दुर्घटनाएं


भोपाल। डिजिटल इंडिया इनीशिएटिव योजना के तहत सागर इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी सेंटर में नेशनल लेवल स्मार्ट इंडिया हैकॉथॉन का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत के उन्नयन में डिजीटल लिट्रेसी का प्रावधान देना, स्टूडेंट्स को आज की समस्याओं के बारे में जानकारी देना है।
इसके अलावा प्रोडक्ट इनोवेशन एवं समस्या समाधान कौशल को विकसित करना है। यहां तीन औद्योगिक संस्थान महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक एवं फ्लूकॉन कंपनी द्वारा समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। आईआईटी में देश के कई क्षेत्रों के 24 संस्थानों के 144 स्टूडेंट और इनके 48 सेंटर भाग रहे हैं। बता दें कि लगातार 36 घंटे चलने वाले इस कार्यक्रम में भारत के लगभग 48 नोडल सेंटर पर एक साथ सरकारी विभागों एवं इंडस्ट्रीज द्वारा दी गई समस्या का हल निकाला जा रहा है।

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तीन कैटेगरी में मिलेंगे प्राइज
इस कार्यक्रम के विनर को तीन कैटेगरी में पुरस्कृत किया जाएगा। इसमें कॉम्पलेक्स प्रॉब्लम कैटेगरी में को एक लाख, लोवर कैटेगरी में 75 हजार और सिम्पल प्रॉब्लम की कैटेगरी के विनर टीम को 50 हजार रुपए का चेक दिया जाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन रविवार को शाम 8.30 तक किया जाएगा।
क्षेत्रीय भाषा का यूज करने बना रहे वेबसाइट
इस कार्यक्रम में दिल्ली से आई कोडिऐस्टर टीम एक ऐसी वेबसाइट बना रही है, जिसे उपयोग से किसी भी व्यक्ति को अपनी भाषा में जानकारी मिल जाएगी। इसमें बैंक लोन, एकाउंट, बैंक से चेक बुक क्रेडिट और डेबिट कार्ड मंगवाया जा सकता है। इसके अलावा बैंक में इंट्रेस्ट की जानकारी मिल सकेगी। इस टीम के लीडर प्रणव गुरदित्ता हैं। इनके अलावा पांच मेंबर्स शामिल हैं। वे बताते हैं कि अभी इस वेब साइट का कुछ काम पूरा हो चुका है। बाकी के लिए टीम वर्क चालू है।
डिवाइस तैयार करेगी ड्रायवर को रिपोर्ट कार्ड
दिल्ली की काराएमएल टीम के लीडर आरूष बरतारिया अपने साथियों के साथ इंटेलिजेंट व्हीकल डिवाइस तैयार कर रहे हैं। इसमें 50 से 100 सेंसर्स लगे हैं। यह डिवाइस एड्रायड ऐप की मदद से चलेगी। वे बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के पास कई गाडिय़ां हैं तो वह गाड़ी के स्टेयरिंग के नीचे ओबीडी पोर्ट के अंदर इस डिवाइस को लगा सकेगा, फिर फोन की मदद उसकी कनेक्टीविटी की जाएगी। जिससे ऑनर को ड्रायविंग पेटर्न की जानकारी मिल जाएगी। इससे ड्रायवर का रिपोर्ट कार्ड बन जाएगा कि वह गाड़ी कैसी चला रहा है। गांडी का कम मेंटेनेंश होगा। सर्विस सेंटर में बार-बार नहीं जाना पड़ेगा और दुर्घटनाओं से बचा जा सकेगा।

फॉरमर ऐप करेगा किसानों की मदद
ग्वालियर से आए संवेग ठाकर अपनी आई वीजन 6 टीम के साथ फॉरमर ऐप (किसान मित्र) बना रहे हैं। जिससे देश के किसानों के लिए एग्रीकल्चर से जुड़ी हुई समस्याओं का निराकरण किया जा सकेगा। इस ऐप की मदद से किसानों को अच्छे कृषि उपकरण खरीदने में मदद मिल सकेगी। किस कंपनी का टै्रक्टर किसी रेट मिल रहा है और कहां मिल रहा है। इसकी जानकारी मिलेगी। इसके अलावा क्राप को उगाने का तरीका भी बताया जाएगा। किसानों को सरकारी मूल्यों की जानकारी और योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी। किसान इस ऐप को अपने मोबाइल में स्टॉल कर सकेंगे।
वेबसाइट से दूर होगी डॉक्टर और पैसेंट्स की दूरी
गुजरात की टीम कॉर्बन एक ऐसा प्लेटफॉर्म बना रही है। जिससे पैसेंट्स और डॉक्टर्स की दूरी को कम किया जा सकेगा। वे एक ऐसी वेबसाइट बना रहे हैं जिससे मदद से पैसेंट्स को अपने आस-पास मौजूद डॉक्टर्स और हॉस्पिटल की जानकारी मिल सकेगी। इस एप्लीकेशन की मदद से पैसेंट्स अपनी भाषा में बात कर सकेगा और डॉक्टर्स को इंग्लिश में सुनाई देगा। इसके बाद पैसेंट्स को डॉक्टर्स द्वारा कही गई बात को उसी की भाषा में सुनाई देगी। इसके अलावा यह भी जानकारी मिलेगी कि किस बीमारी के लिए किस डॉक्टर के पास जाना है। इसमें डॉक्टर के नाम के साथ उसका पता भी लिखा होगा।


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