फेल होने से डर जाएंगे तो कभी सक्सेस नहीं मिलेगी - जाकिर हुसैन
भोपाल। उस्ताद जाकिर हुसैन शनिवार को भोपाल आए। उन्होंने सुबह धु्रपद केंद्र संस्थान में अपने नाम पर बने उस्ताद जाकिर हुसैन साधारणी निवास का उद्घाटन भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भले ही दुनिया मुझे लिविंग लिजेंड के नाम से बुलाती है, लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता। मैं जब भी कोई शो करके उठता हूं तो हमेशा दिल में एक कसक रह जाती है जो मैं करना चाहता था वो शो में नहीं कर पाया।
उन्होंने कहा कि फेल होने से डर जाएंगे तो कभी सक्सेस नहीं मिलेगी। आपको नया करने के लिए एक हजार बार प्रयोग करना पड़ेंगे, हजारों बार फेल भी होंगे, दुनिया आपका मजाक भी उड़ाएगी, लेकिन जब सफल होंगे तो सब आपकी तारीफ ही करेंगे। मैं हर शो में कुछ नया करने की कोशिश करता हूं। कई बार असफल भी हो जाता हूं। जो कला के कद्रदान हैं वे समझ जाते हैं कि जाकिर हुसैन आज चूक गए। लेकिन मैं इन बातों से नहीं डरता, हमेशा नया करने की कोशिशें करता रहता हूं।
नया करोगे तो ही शार्गिद बनोगे
उन्होंने कहा कि शिष्य अपना गुरु नहीं चुनता, बल्कि गुरु अपना शिष्य चुनता है। गुरु जब तक खुद नहीं सीखेगा, वो शिष्य को नहीं सीखा सकता। गुरु-शिष्य दो जिस्म एक जान होते हैं, जब तक उनकी वेव्स नहीं मिलेगा। शिष्य, गुरु से कभी नहीं सीख पाएगा। आप दूसरों से अलग हटकर करोगे, तभी गुरु आपको अपना शार्गिद बनाएगा।
पिता ने कहा था कॉर्बन कॉपी मत बनो
उन्होंने अपने बचपन का एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि एक प्रोग्राम में किसी ने मेरे पिता उस्ताद अल्ला रख्खां खां से कहा कि आपका बेटा तो आपके जैसा तबला वादन करता है। मैं पिता नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि वो मेरे जैसा बिल्कुल नहीं बजाता। मैं ये चाहता भी नहीं कि वो मेरे जैसा बजाए। यदि वो ऐसा करेगा तो कॉर्बन कॉपी बन जाएगा और कॉर्बन कॉपी को दुनिया डस्टबिन में डाल देती है।
उन्होंने अपने बचपन का एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि एक प्रोग्राम में किसी ने मेरे पिता उस्ताद अल्ला रख्खां खां से कहा कि आपका बेटा तो आपके जैसा तबला वादन करता है। मैं पिता नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि वो मेरे जैसा बिल्कुल नहीं बजाता। मैं ये चाहता भी नहीं कि वो मेरे जैसा बजाए। यदि वो ऐसा करेगा तो कॉर्बन कॉपी बन जाएगा और कॉर्बन कॉपी को दुनिया डस्टबिन में डाल देती है।
पिता की नाराजगी की वजह से क्रिकेट और फिल्मों से दूर हो गया
उन्होंने कहा कि फिल्म मुगले आजम में मुझे शलीम का रोल का ऑफर मिला था। मैं इसकी तैयारी कर रहा था। जब पिताजी को ये बात पता चली तो वे बहुत नाराज हो गए। उन्हें बचपन में क्रिकेट खेलने का भी बहुत शौक था। एक बार क्रिकेट खेलते हुए अंगुल फैक्चर हो गई। पिताजी ने बहुत डांट लगाई। इसके बाद जिंदगी में कभी बैट नहीं थामा।
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