LOKSABHA ELECTION: कांग्रेस के सर्वे में इन दिग्गज नेताओं के नाम, इनको मिल सकता है टिकट, देखें LIST
भोपाल। पंद्रह साल बाद विधानसभा चुनाव जीतकर आई कांग्रेस सरकार ने आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भी अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इस बार कांग्रेस के सामने मध्यप्रदेश की 29 सीटों में से ज्यादातर सीटों पर कब्जा करने की चुनौती है, वहीं सबसे अहम चुनौती भोपाल संसदीय सीट पर भी हैं। यहां करीब 35 सालों से भाजपा का कब्जा है।
दो माह बाद होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कमलनाथ सरकार ने प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों का सर्वे कराया है। इसमें कई सीटों पर उसे चुनौती दिख रही है तो कई सीटों पर अच्छा परफार्म कर सकती है। ताजा रिपोर्ट में सबसे ज्यादा चुनौती भोपाल सीट को लेकर है। यहां 35 सालों से लगातार भाजपा जीतती आ रही है। कांग्रेस के सर्वे में यह बात उभरकर आई है कि इस सीट से कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह उपयुक्त उम्मीदवार हो सकते हैं।
कई सीटों पर भेजे गए पर्यवेक्षक
मध्यप्रदेश की सभी सीटों में समितियों के गठन कर जमीनी कार्यकर्ताओं की राय जानी जा रही है, वहीं संसदीय स्तर पर पर्यवेक्षक भी भेजे जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश की सभी सीटों में समितियों के गठन कर जमीनी कार्यकर्ताओं की राय जानी जा रही है, वहीं संसदीय स्तर पर पर्यवेक्षक भी भेजे जा रहे हैं।
पीसी और आरिफ भी बन सकते हैं उम्मीदवार
मध्यप्रदेश कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक भोपाल के दो विधायक पीसी शर्मा और आरिफ अकील भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के वफादार माने जाते हैं। वर्तमान में यह दोनों ही विधायक कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। माना जा रहा है कि पिछली बार लोकसभा चुनाव हारे पीसी शर्मा को दोबारा आजमाया जा सकता है। इनके अलावा भोपाल जिले में अल्पसंख्यक वोटों का भी प्रतिशत अधिक होने के कारण आरिफ अकील को भी आजमाया जा सकता है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक भोपाल के दो विधायक पीसी शर्मा और आरिफ अकील भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के वफादार माने जाते हैं। वर्तमान में यह दोनों ही विधायक कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। माना जा रहा है कि पिछली बार लोकसभा चुनाव हारे पीसी शर्मा को दोबारा आजमाया जा सकता है। इनके अलावा भोपाल जिले में अल्पसंख्यक वोटों का भी प्रतिशत अधिक होने के कारण आरिफ अकील को भी आजमाया जा सकता है।
-इसके अलावा दिग्विजय सिंह यदि भोपाल से नहीं खड़े होते हैं तो वे राजगढ़ सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
-दिल्ली की पूर्ण मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को भी भोपाल सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। क्योंकि वे कई वर्षों तक भोपाल में ही रहते थे। लोगों में स्थानीय होने की पहचान होने के कारण उन्हें भी आजमाया जा सकता है।
इंदौर से जीतू, शोभा या अर्चना
भोपाल के साथ ही कांग्रेस अन्य मंत्रियों को भी लोकसभा चुनाव में आजमा सकती है। कमलनाथ कैबिनेट के मंत्री जीतू पटवारी को इंदौर से चुनाव लड़ाया जा सकता है। इनके अलावा जीतू की पत्नी रेणुका को भी टिकट दी जा सकती है। इनके अलावा इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण पटेल, कांग्रेस नेता शोभा ओझा और अर्चना जायसवाल का भी मजबूत दावा है।
भोपाल के साथ ही कांग्रेस अन्य मंत्रियों को भी लोकसभा चुनाव में आजमा सकती है। कमलनाथ कैबिनेट के मंत्री जीतू पटवारी को इंदौर से चुनाव लड़ाया जा सकता है। इनके अलावा जीतू की पत्नी रेणुका को भी टिकट दी जा सकती है। इनके अलावा इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण पटेल, कांग्रेस नेता शोभा ओझा और अर्चना जायसवाल का भी मजबूत दावा है।
ग्वालियर से अशोक सिंह, भिंड से बौद्ध
ग्वालियर सीट से कांग्रेस के अशोक सिंह को मैदान में उतारा जा सकता है। इनके क्षेत्र में पकड़ है और स्थानीय लोगों में भी अच्छी पैठ है। इनके साथ ही भिंड सीट की बात करें तो कांग्रेस के टिकट की रेस में महेंद्र बौद्ध का नाम सबसे आगे चल रहा है।
ग्वालियर सीट से कांग्रेस के अशोक सिंह को मैदान में उतारा जा सकता है। इनके क्षेत्र में पकड़ है और स्थानीय लोगों में भी अच्छी पैठ है। इनके साथ ही भिंड सीट की बात करें तो कांग्रेस के टिकट की रेस में महेंद्र बौद्ध का नाम सबसे आगे चल रहा है।
जबलपुर से तन्खा या अवस्थी
जाने-माने वकील एवं वर्तमान में राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा को जबलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। इनके साथ ही पूर्व विधायक नीलेश अवस्थी भी इस दौड़ में हो सकते हैं। हालांकि किसे टिकट मिलेगा यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन वर्तमान में चल रहे सर्वे और रायशुमारी में इन नामों पर विचार चल रहा है।
जाने-माने वकील एवं वर्तमान में राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा को जबलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। इनके साथ ही पूर्व विधायक नीलेश अवस्थी भी इस दौड़ में हो सकते हैं। हालांकि किसे टिकट मिलेगा यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन वर्तमान में चल रहे सर्वे और रायशुमारी में इन नामों पर विचार चल रहा है।
होशंगाबाद से नीखरा, पचौरी
मध्यप्रदेश की प्रतिष्ठित सीटों में से एक माने जाने वाली होशंगाबाद सीट से रामेश्वर नीखरा को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। वे भी नामी वकील हैं। नीखरा के अलावा सुरेश पचौरी और सरताज सिंह का भी नाम लिया जा रहा है।
मंदसौर से मीनाक्षी, देवास से वर्मा
इसके अलावा मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन को फिर लोकसभा का टिकट दिया जा सकता है। कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री बने सज्जन सिंह वर्मा के बेटे को देवास से टिकट दिया जा सकता है।
इसके अलावा मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन को फिर लोकसभा का टिकट दिया जा सकता है। कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री बने सज्जन सिंह वर्मा के बेटे को देवास से टिकट दिया जा सकता है।
सतना से अजय सिंह
चुरहट से हाल ही में चुनाव हारे कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को सतना सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। पिछले कुछ समय से चल रहा था कि अजय सिंह भले ही चुनाव हार गए हों लेकिन कांग्रेस सरकार बनाने में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें कोई बड़ा पद दिया जा सकता है। इसलिए माना जा रहा है कि सतना सीट से अजय सिंह उपयुक्त उम्मीदवार हो सके हैं।
चुरहट से हाल ही में चुनाव हारे कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को सतना सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। पिछले कुछ समय से चल रहा था कि अजय सिंह भले ही चुनाव हार गए हों लेकिन कांग्रेस सरकार बनाने में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें कोई बड़ा पद दिया जा सकता है। इसलिए माना जा रहा है कि सतना सीट से अजय सिंह उपयुक्त उम्मीदवार हो सके हैं।
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