यात्रियों को 3 महीने तक आधा लीटर कम पानी देकर 10 लाख 63 हजार की कमाई करेगा रेलवे
भोपाल। शताब्दी एक्सप्रेस से हबीबगंज की दिल्ली तक 708 किमी का सफर तय करने में 8.&0 घंटे का समय लगता है। इस सफर को अब यात्रियों को आधा लीटर पानी पीकर पूरा करना होगा। दरअसल, रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर (टूरिÓम एंड कैटरिंग) फिलिप वर्गीस की ओर से जारी सकुर्लर के बाद देश भर की सभी शताब्दी ट्रेनों में यात्रियों को एक लीटर के स्थान पर अब आधा लीटर रेल नीर की पानी की बोतल दी जा रही है।
इससे अधिक पानी की जरूरत पडऩे पर यात्री को पैसे खर्च कर 10 रुपए में आधा लीटर पानी की बोतल खरीदनी होगी। हालांकि सकुर्लर में कहा गया है कि रेलवे यह व्यवस्था प्रायोगिक तौर पर तीन महीने के लिए लागू की जा रही है। लेकिन इन तीन महीनों में यात्रियों को आधा लीटर पानी कम देकर रेलवे अकेले हबीबगंज-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस से 10 लाख 63 हजार रुपए की अतिरिक्त कमाई करेगा।
165 रुपए लिया जाता है कैटरिंग चार्ज
शताब्दी एक्सप्रेस में हबीबगंज से दिल्ली तक भोजन के साथ 1135 रुपए और बिना भोजन के 970 रुपए का टिकट मिलता है। इस राशि में सीटों की उपलब्धता के मुताबिक नियमानुसार डायनमिक फेयर अलग से जोड़ा जाता है। टिकट में कैटरिंग के नाम पर 165 रुपए चार्ज किए जाते हैं, जिसमें यात्रियों को ब्रेकफास्ट और लंच सर्व किया जाता है। हालांकि पानी की बोतल और न्यूज पेपर का शुल्क कैटरिंग फीस में समाहित नहीं होता है, यह राशि टिकट के बेस फेयर में ही जुड़ी होती है।
ऐसे समझें रेलवे की कमाई का गणित
शताब्दी एक्सप्रेस में कुल 16 यात्री कोच हैं, इनमें 14 चेयरकार व 2 कोच एक्जीक्यूटिव कोच हैं। चेयरकार के प्रत्येक कोच में 78 सीट क्षमता होती है जबकि एक्जीक्यूटिव कोच में 45 सीट क्षमता होती है। इस तरह 16 कोच में कुल 1182 सीटें होती हैं। अभी तक रेलवे 1182 यात्रियों के लिए एक लीटर पानी की बोतल के एवज में 15 रुपए की दर 17 हजार 730 रुपए खर्च करता है।
वहीं अब 10 रुपए कीमत की आधा लीटर पानी की बोतल देकर सिर्फ 11 हजार 820 रुपए खर्च करेगा। इस तरह वह उक दिशा में 5910 रुपए और अप-डाउन में रोजाना 11 हजार 820 रुपए की बचत करेगा। प्रतिमाह 3 लाख 54 हजार 600 रुपए और तीन महीने में 10 लाख 63 हजार 800 रुपए की बचत करेगा।
8.30 घंटे के सफर में एक लीटर पानी भी कम पड़ता है
शताब्दी एक्सप्रेस में हबीबगंज तक यात्रा कर रहे यात्री रितेश शर्मा ने बताया कि 8.30 घंटे सफर में 1 लीटर पानी भी कम होता है। जिसे बढ़ाकर 2 लीटर करने की जगह अब रेलवे इसमें और कटौती करते हुए आधा लीटर पानी दे रहा है, जबकि टिकट के मूल्य में कोई कटौती नहीं की गई है, बल्कि शताब्दी एक्सप्रेस में तो यात्रियों से डायनमिक फेयर वसूला जा रहा है।
वहीं रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि ट्रेन में सफर के दौरान गर्मी के सीजन को छोड़कर यात्री इस एक लीटर पानी की बोतल का उपयोग नहीं करते हैं। Óयादातर यात्री बचा हुआ पानी बोतल में छोड़ देते हैं। लिहाजा पानी बचाने की दिशा में यह प्रयास किया जा रहा है। जिसमें अब एक लीटर की जगह आधा लीटर (500 एमएल) की पानी की बोतल देने का निर्णय लिया गया है।
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