A से B ग्रेड कॉलेज में तब्दील हुआ राजधानी का इकलौता साइंस कॉलेज एमवीएम
भोपाल। राजधानी के सबसे बड़े और साइंस का एकमात्र कॉलेज मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय (एमवीएम) को नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन (नैक) की टीम ने मूल्यांकन के बाद 'बीÓ ग्रेड दिया है। इससे पहले एमवीएम को नैक से 'एÓ ग्रेड प्राप्त था। प्रभारी प्राचार्य डॉ. आरके सिंह का तर्क है कि मैंने कुछ महीने पहले ही जिम्मेदारी संभाली है, इसके बाद व्यवस्थाओं में सुधार भी किया लेकिन वर्ष 2018 के बाद से नैक के पैरामीटर्स और Óयादा सख्त हो गए जिस वजह से यह रैंकिंग मिली है।
वर्ष 2013 में जब ए ग्रेड मिला था तब नैक से 3.25 प्वाइंट्स मिले थे जबकि इस बार 2.25 प्वाइंट्स के साथ बी ग्रेड प्राप्त हुआ है। कॉलेज के प्रोफेसर्स की मानें तो पिछली बार नैक से ए-ग्रेड मिलने के बाद कॉलेज अपनी इस उपलब्धि में ही खो कर रह गया था और इन पांच सालों में कोई कार्य नहीं हुआ। साइंस के लिए समर्पित एकमात्र कॉलेज होते हुए भी यहां स्थायी प्राचार्य तक नहीं है। वहीं इन 5 सालों में प्रभारी प्राचार्यों ने भी कोई ध्यान नहीं दिया, जिसका खामियाजा नैक ग्रेडिंग में भुगतना पड़ा।
मूल्यांकन के वक्त भी बिल्डिंग, लैब में पानी टपक रहा था
कॉलेज में बीएससी कम्प्यूटर साइंस के 450 छात्रों के लिए बनी कंप्यूटर लैब में महज 14 कंप्यूटर हैं, इनमें से अधिकांश खराब हैं। &0 सितंबर व 1 अक्टूबर को हुए नैक मूल्यांकन से पहले दूसरे विभागों से आउटडेटेड कम्प्यूटर उठवाकर लैब में रखवाए गए थे। नैक की टीम के कारण कॉलेज में रंग-रोगन का काम तो किया गया लेकिन फिर भी बारिश के कारण जगह-जगह से पानी टपकता रहा। बायो साइंस केमिस्ट्री की लैब में प्रैक्टिकल के लिए पानी की सप्लाई ही महीनों से बंद थी और लैब में क्वालिफाइड स्टाफ भी नहीं है।
[MORE_ADVERTISE1]from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2r0EceL
via
No comments