संसद के शीत सत्र से पहले सांसदों को देना होगी पदयात्रा की रिपोर्ट
भोपाल। पार्टी ने साफ पूछा है कि प्रत्येक सांसद यह बताए कि उसने कितने किलोमीटर पदयात्रा की, उसके स्थान पर दूसरे लोगों ने कितनी पदयात्रा की और अगर वो पदयात्रा में शामिल नहीं हुआ है तो इसके पीछे क्या कारण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह सत्र के दौरान संकल्प यात्रा के मसले पर सभी भाजपा सांसदों से चर्चा भी कर सकते हैं। जो सांसद इस पदयात्रा में शामिल नहीं हुए हैं पार्टी उन पर गंभीर रुख अख्तियार कर सवाल भी पूछने की तैयारी में हैं।
[MORE_ADVERTISE1]भाजपा ने महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टॅूबर से सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती 31 अक्टूबर तक गांधी संकल्प यात्रा निकालने का ऐलान किया था। बाद में इसे बढ़ाकर 11 नवंबर कर दिया गया। इसमें पार्टी के प्रत्येक सांसद को कम से कम 150 किलोमीटर की पदयात्रा करनी थी।
भाजपा ने हर राज्य में गांधी संकल्प यात्रा के लिए एक मॉनीटरिंग टीम बनाई थी जो हर हफ्ते केंद्रीय संगठन को पूरी रिपोर्ट भेज रही थी। इसके बाद भी केंद्रीय संगठन ने सांसदों से अलग से रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट में प्रत्येक दिन की पदयात्रा के साथ ही कुल कवर किए गए गांवों के नाम भी पूछे गए हैं। सांसदों से पदयात्रा के फोटोग्राफ, वीडियो भी बुलाए गए हैं।
प्रज्ञा नहीं हुई शामिल-
मध्यप्रदेश में भाजपा के 28 सांसदों में से 27 ने इस पदयात्रा में भाग लिया है। लेकिन भोपाल की सांसद प्रज्ञा ङ्क्षसह ठाकुर एक भी दिन पदयात्रा में शामिल नहीं हुईं। नाथूराम गोडसे को राष्ट्रभक्त बता कर विवादों में फंस चुकी प्रज्ञा ने संगठन को कई बार कहा कि वे जल्द ही पदयात्रा में शामिल होने की सूचना देंगी। लेकिन कभी वे आध्यात्मिक कार्यक्रम में भाग लेने बाहर चलीं गईं तो कभी अस्वस्थ हो गईं।
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