PMT घोटाला- परचून दुकानदार और किसान भी आरोपी, बयान के लिए बुलाया तो सामने आया सच
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भोपाल/ स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा नए सिरे से शुरु की व्यापमं-पीएमटी घोटाले की जांच में दिलचस्प मामले सामने आए हैं। व्यापमं घोटाले के खुलासे के समय कई लोगों ने आपसी रंजिश के चलते एसटीएफ को कई ऐसी शिकायतें की जिनमें प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) की तैयारी करने वाले छात्रों को भी डॉक्टर बता दिया। अलग-अलग शहरों में रहकर ये छात्र जब पीएमटी की तैयारी कर रहे थे तो इनके पड़ोसियों ने इन्हें अलग-अलग सरकारी-निजी मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत बताया।
फर्जी और सॉल्वर के जरिए इनके चयन का भी जिक्र किया। यह सब शिकायतें 2013 पीएमटी से संबंधित है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, छतरपुर, इंदौर, भोपाल आदि जिलों से जुड़ी ऐसी 11 शिकायतें सामने आई हैं, जो छात्रों से जुड़ी है। यह छात्र पीएमटी में पास नहीं हुए तो उन्होंने या तो खेती करना शुरु कर दिया या परचून की दुकान खोल ली या अन्य कोई धंधा शुरु कर दिया। लेकिन इन शिकायतों में इन्हें फर्जी तरीके से पीएमटी परीक्षा पास करने वाले डॉक्टर बताकर कॉलेज में पढऩा दर्शाया गया है।
मजेदार बात तो यह है कि ये शिकायतें गुमनाम है। एसटीएफ ने हाल ही में इन शिकायतों में जिन-जिन छात्रों का नाम-पता बताया गया है, उन्हें नोटिस देकर बयान के लिए बुलाया तो सच सामने आया कि वे परीक्षा में शामिल तो हुए, लेकिन पास नहीं हो पाए। शिकायतों में आरोप लगाया गया कि सॉल्वर के जरिए पीएमटी पास करके मेडिकल कॉलेज में दाखिल ले लिया।
बयान में बोले डॉक्टर नहीं बन पाया तो किसान बन गया
एसटीएफ के सूत्रों ने बताया कि गुमनाम शिकायतों में जिनके नाम थे, उन्हें बयान के लिए बुलाया गया तो उन्होंने कहा कि डॉक्टर नहीं बन पाए तो किसान बन गए। चार मामले ऐसे मिले। वहीं दो मामले परचून-किराना-जनरल स्टोर खोलने वाले मिले। इसी तरह कुछ अन्य स्वरोजगार करने वाले मिले।
एसटीएफ के अफसरों ने जब नोटिस जारी किया तो लग रहा था कि आरोपी किसी अस्पताल आदि में प्रेक्टिस कर रहा होगा, लेकिन उलटा ही मामला सामने आया। ऐसे आरोपियों से पूछा गया तो उन्होंने एसटीएफ को बयान दिया कि उनके पड़ोसियों से विवाद, प्रतिस्पर्धा और गांव वाले किसी दूसरे छात्र का पीएमटी में चयन नहीं हुआ तो फंसाने के लिहाज से एक-दूसरे की शिकायत कर दी।
एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि 7 ऐसे डॉक्टर मिले हैं जो विदेश में रहने लगे हैं, लेकिन उनके खिलाफ पीएमटी घोटाले के संबंध में शिकायत है। एसटीएफ को कुछ के पते मिले ही नहीं। जिनके पते मिले, उन्हे नोटिस दिया लेकिन वे बयान दर्ज करवाने आए ही नहीं।
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