बरखेड़ा नाथू की खदानें कागजों में हो गईं हैं बंद, सुबह-सुबह होते हैं धमाके
भोपाल। शहर विस्तार होने से के बाद आबादी की नजदीकी के चलते नीलबड़, रातीबड़, बरखेड़ानाथू की छह खदानों में ब्लास्टिंग पर रोक लगा दी, लेकिन सुबह- सुबह इन खदानों में ब्लास्ट कर पत्थर तोड़े जाते हैं और चोरी छिपे खनिज निकालकर बेचा जा रहा है। ढाई माह पूर्व जमीन में धमाकों की आवाज के चलते कलेक्टर ने इस क्षेत्र का दौरा किया था। उसके बाद खनिज विभाग ने खदानों को बंद कर ब्लास्टिंग पर रोक लगा दी। लेकिन धमाके बंद नहीं हो रहे हैं। सुबह चार से छह के बीच में खदानों में दो चार धमाके सुनाई की दे जाते हैं।
राजधानी में मुरम, गिट्टी और कोपरा की 180 के लगभग खदानें हैं। ये खदानें पिछले तीस साल से अलॉट की जा रही हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से इन खदानों के नजदीक आबादी की पहुंच हो गई या ये कहें कि शहर का विस्तार हो गया। इस कारण रातीबड़, नीलबड़, बरखेड़ानाथू की खदानों में होने वाली ब्लास्टिंग से धूल उड़कर लोगोंं की छतों तक पहुंचने लगी।
शिकायतों के बाद दो साल पहले तक यहां खदानों को बंद कर दिया गया, लेकिन सुबह-सुबह धमाकों की आवाज लोगों के कानों तक पहुंची तब पता चला कि ब्लास्टिंग जारी है। इसके बाद शिकायतें हुई, खदानों को लीज मार्च 2018 के बाद रिन्यू नहीं की गई। ढाई माह पूर्व खनिज विभाग ने आदेश जारी कर पूरी तरह रोक लगा दी। इसके बाद भी खदानों में अवैध ब्लास्टिंग हो रही है। चोरी छिपे माफिया पत्थर निकालकर के्रशर तक पहुंचा रहा है।
चार लोगों के पास है ब्लास्टिंग का लाइसेंस
राजधानी में सिर्फ चार ही लोगों के पास ब्लास्टिंग के लाइसेंस हैं। जो 50 से 150 केजी तक के धमाके कर सकते हैं। अधिकृत रूप से सिर्फ चार ही लोग धमाके कर सकते हैं। लेकिन इन बंद खदानों को कौन लोग धमाके कर रहे हैं। इसका सुराग भी खनिज विभाग नहीं लगा सका है।
हमनें तो उनके क्रेशर तक तोड़ दिए हैं, अगर कोई धमाके कर रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी। - राजेंद्र सिंह परमार, जिला खनिज अधिकारी
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2PFLehM
via
No comments