बाघों के बाद अब जंगली कुत्तों का शिकार, सरकार ने बैठाई जांच

भोपाल। प्रदेश में बाघों के शिकार के बाद अब जंगली कुत्तों के शिकार की घटनाओं में भी बढ़ोत्तरी हुई है। इसे कमलनाथ सरकार ने गंभीरता से लिया है। इसके तहत अब जंगली कुत्तों की मौत पर जांच बैठा दी गई है। जांच में यदि वन विभाग के अफसरों का दोष सिद्ध होता है, तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
वन मंत्री उमंग सिंघार ने कान्हा टाईगर रिजर्व में पाँच वन्य प्राणी जंगली कुत्तों की मृत्यु की जाँच के निर्देश दिये हैं। ये जंगली कुत्ते शनिवार को गश्ती दल द्वारा रिजर्व के खटिया परिक्षेत्र के अरोली और खीसी बीट में मृत पाए गये थे।
हिस्टोपैथॉलॉजिकल और फॉरेंसिक जाँच के लिये मृत कुत्तों का विसरा जबलपुर के स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एण्ड हेल्थ और सागर की फॉरेंसिक लैब में भेजा गया है। सिंघार ने अधिकारियों से कहा कि यदि जाँच में कुत्ते किसी महामारी का शिकार होना पाये जाते हैं, तो बीमारी को फैलने से रोकने के लिये सभी एहतियाती उपाय अपनायें। उन्होने कहा कि यह भी सुनिश्चित करें कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।
क्षेत्र संचालक एल. कृष्णमूर्ति के निर्देश पर वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संदीप अग्रवाल ने उप संचालक सुचिता तिर्की और सहायक संचालक सुनील कुमार सिन्हा की उपस्थिति में मृत जंगली कुत्तो का पोस्टमार्टम किया। प्रथम दृष्टया जंगली कुत्तों की मृत्यु किसी बीमारी से होना प्रतीत होती है। रिजर्व प्रबंधन ने आस-पास के जल स्त्रोतों के पानी के नमूने भी एकत्र किये हैं, जिनकी जाँच की जा रही है। साथ ही, आस-पास के डेढ़ किलोमीटर के क्षेत्र में सघन कॉम्बिंग कर आवांछित तत्वों की खोज भी की गयी है।
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