ईसाई महासंघ के सदस्यों के साथ ठगी करने के आरोप में फादर मुटुंगल को EOW ने किया गिरफ्तार - Web India Live

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ईसाई महासंघ के सदस्यों के साथ ठगी करने के आरोप में फादर मुटुंगल को EOW ने किया गिरफ्तार

भोपाल/ कैथोलिक ईसाई महासंघ एवं आर्च डायोसिस ऑफ भोपाल, के तत्कालीन जन संपर्क अधिकारी फादर आनंद मुटुंगल को धोखाधड़ी के आरोप में ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोप है कि इन्होंने सेंट जूद कॉलोनाइजर नामक संस्था बनाकर महासंघ के सदस्यों को प्लॉट देने के नाम पर धोखाधड़ी की है। पूर्व जनसंपर्क अधिकारी (तत्कालीन पीआरओ सेवा सदन तुलसी नगर) और फादर आनंद मुटुंगल को आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने बुधवार को विशेष अदालत में पेश किया।

अदालत ने मुटुंगल को 26 दिसंबर के लिए जेल भेज दिया। अब ईओडब्ल्यू जेल वारंट खत्म होने के बाद रिमांड लेगा। ईओडब्ल्यू ने 17 अक्टूबर को ईसाई महासंघ के तत्कालीन 8 पदाधिकारियों के खिलाफ प्लॉट में हेरफेर के आरोप में केस दर्ज किया था। आरोप है कि ईसाई महासंघ के पदाधिकारियों द्वारा ही मेसर्स सेंट जूद कॉलोनाईजर्स संस्था का संचालन किया गया। आरोप है कि तत्कालीन फादर आनंद मुटुंगल सहित अन्य ने ऐसे लोगों को संस्था में जोडकऱ लाभ पहुंचाया जिनका संस्था से संबंध नहीं था। ईओडब्ल्यू ने जांच में पाया कि सेंट जूद कॉलोनाईजर संस्था के पदाधिकारियों ने संस्था में 377 सदस्य बनाए। इन्हें प्लॉट देने का झांसा दिया गया। सभी से पैसे ले लिए। लेकिन मौके पर प्लॉट नहीं दिया गया।

संस्था के खाते से पैसे निकाल कर दोस्त को दे दिए

मुटुंगल को 2005-6 में पीआरओ नियुक्त किया गया था। मुटुंगल ने सेंट जूद कॉलोनाइजर के भागीदार विपिन टोप्पो और कोषाध्यक्ष राय जॉन तट्टा के साथ मिलकर षडयंत्र पूर्वक अनुबंधित भागीदारी फर्म के नियमों को ताक पर मुटुंगल ने अपने निज सहायक राय जॉन तट्टा (सेंट जूद का कोषाध्यक्ष) के जरिए फर्म के अन्य सदस्यों को झांसा देते हुए कूटरचित कागज तैयार किए। यह काम अपने तुलसीनगर स्थित पीआरओ कार्यालय में टाईपिस्ट अजमल सिंह मीणा के जरिए किया। मीणा के जरिए साउथ इंडियन बैंक इंद्रपुरी के खाता क्रमांक 0443073000000169से अलग-अलग चेक से पैसे निकाल कर सेंट जूद कॉलोनाइजर के पीएनबी शाहपुरा के खाता क्रमांक 3229002100008717 से 12 लाख 50 हजार अपने दोस्त मैनीष के. मैथ्यू क्राइस्ट मेमोरियल के प्रिंसिपल को दे दिए। जबकि मैथ्यू का संस्था से कोई वास्ता नहीं था।

सदस्यों के पैसों से खुद के नाम खरीदी जमीन

इंद्रपुरी स्थित बैंक में चेक जमाकर पैसे निकालकर पीएनबी में जमा करवा दिए गए। बाद में मनीष ने इन पैसों से आरोपी विपिन टोप्पो, आभा और क्लारा के नाम से जमीन खरीद ली। जिस समय यह सब किया गया, तब विपिन ने अपने विभाग को भी इसकी जानकारी नहीं दी, जबकि वे शासकीय सेवा में कार्यरत थे।
इनके खिलाफ दर्ज है केस

ईओडब्ल्यू ने ईसाई महासंघ के तत्कालीन पीआरओ फादर आनंद मुटुंगल, सेंट जूद कॉलोनाइजर संस्था के कोषाध्यक्ष राय जॉन तट्टा, आभा टोप्पो, क्लारा क्रांति, मैनीष के. मैथ्यू, अजमल सिंह मीणा और नैन सिंह के खिलाफ केस दर्ज है। इस संस्था में जॉर्ज चेरियन, रिचर्ड डिसिल्वा और विपिन टोप्पो पदाधिकारी थे और 2009 में संस्था का नगर निगम में पंजीयन करवाया गया था। चेरियन अध्यक्ष थे। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के अनुसार फादर आनंद मुटुंगल ने सेंट जूद कॉलोनाइजर्स के विपिन टोप्पो और राय जॉन तट्टा के साथ मिलकर हेरफेर की है।



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