उपचुनावः बाहुबलियों के कब्जे में 348 क्षेत्र, दबाव में मतदान होने का अंदेशा
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भोपाल. उपचुनाव में 348 क्षेत्र के मतदाता (voting) किसी न किसी के दबाव (vulnerable) में हैं। इन क्षेत्रों पर ‘बाहुबलियों’ का कब्जा है। ये मतदाताओं पर किसी न किसी के पक्ष में वोट डालने लिए दबाव बना सकते हैं। चुनाव आयोग (election commission) के अलावा पुलिस और प्रशासन इन क्षेत्रों पर नजर बनाए हुए है।
आयोग लोगों को निडर और निष्पक्ष होकर मतदान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। भय दूर करने के लिए इन क्षेत्रों में गश्ती भी शुरू कर दी गई है। मतदान के दौरान इन क्षेत्रों में स्थानीय पुलिस के अलावा अर्धसेनिक और केंद्रीय पुलिस बल भी तैनात किए जाएंगे। पुलिस - प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक, मुरैना जिले में 159 क्षेत्रों को चिह्नित किया गया है। दूसरे नंबर पर ग्वालियर जिला है। यहां दो विधानसभा क्षेत्रों में 81 बस्तियों और क्षेत्रों को चिह्नित किया है। इन क्षेत्रों में मतदाताओं को प्रभावित करने वाले लोगों की सूची बनाई गई है। इन लोगों पर पुलिस-प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है। वहीं राजगढ़ और खंडवा जिले में एक भी क्षेत्र वल्नरेबल नहीं हैं।
बूथ कैप्चरिंग की आशंका
उपचुनाव वाले क्षेत्रों में 9361 मतदान केंद्र हैं। 1441 उपमतदान केंद्र हैं। इसमें से 2718 मतदान केन्द्र संवेदनशील हैं। यहां झगड़ा और बूथ कैप्चरिंग की आशंका है। इनके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
साढ़े तीन हजार केंद्रों की विशेष निगरानी
चु नाव के लिहाज से संवेदनशील साढ़े तीन हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर चुनाव आयोग की विशेष निगरानी रहेगी। इनमें से करीब एक हजार केंद्रों की वेब कास्टिंग की जाएगी। एक हजार स्थानों पर सीसीटीवी लगेंगे, इसका सर्वर सीधे आयोग के सर्वर से जुड़ा रहेगा, जहां से अधिकारी इन केंद्रों की वोटिंग लाइव देख सकेंगे। वहीं, एक हजार मतदान केंद्रों पर वीडियोग्राफी की जाएगी। इन्हीं केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। यह कैमरे मतदान कर्मियों के पास और केंद्र के बाहर लगेंगे। इसके साथ ही विधानसभा क्षेत्रों में करीब 900 माइक्रो ऑब्र्जवर तैनात रहेंगे। ये केंद्रों पर निगरानी करेंगे और इसकी रिपोर्ट सीधे चुनाव आयोग भेजेंगे। यदि मतदान के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी होती है तो इसकी सूचना पुलिस-प्रशासन को भी देंगे। ऑब्र्जवर मतदान केंद्रों पर सीधे तौर पर हस्तक्षेप भी कर सकेंगे।
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