कमलनाथ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दिए सुझाव

भोपाल : पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में भयावह हो रही कोरोना स्थिति के नियंत्रण के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को पत्र लिखकर सुझाव दिए हैं। कमलनाथ ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में प्रदेश की स्थिति चिंताजनक है। इसलिए इन सुझावों पर सरकार को तत्काल अमल करना चाहिए। कमलनाथ ने सुझावों में कहा कि आज कोरोना वैक्सीनेशन अभियान को गहनता और तीव्रता से लागू करने की अवश्यकता है। उम्र के बंधन को समाप्त कर प्रदेश के प्रत्येक आमजन को कोरोना वैक्सीन निशुल्क लगाई जाए। अधिक संक्रमित क्षेत्रों को चिन्हित कर उनमें वैक्सीनेशन प्राथमिकता से की जाए। कोरोना वैक्सीन पर्याप्त उपलब्धता और भंडारण सुनिश्चित किया जाए। वैक्सीनेशन अभियान को गति देने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सहायता लेकर घर-घर जाकर आमजन को वैक्सीनेशन केंद्र तक लाने के प्रयास किये जाएं। कोरोना की जांच के लिए रैपिड टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाए एवं घर-घर जाकर टेस्ट किए जाएं, जिससे ज्यादा से ज्यादा जांच हो सकें। निशुल्क टेस्टिंग की जाए और रिपोर्ट आठ घंटे में आना सुनिश्चित किया जाए। ट्रेसिंग-सर्वे के कार्य में भी गति लाई जाए। कोरोना की निजी अस्पतालों में जांच की दरों में न्यूनतम किया जाए और इसके लिए ठोस व्यवस्था लागू की जाए। कोरोना संक्रमितों का निशुल्क इलाज होना चाहिए और अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इसके लिए तत्काल आवश्यक निर्णय लिये जाएं।
अनारक्षित वर्ग को दस फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाए :
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में सामान्य वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को दस प्रतिशत आरक्षण देने का पालन न होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि अनारक्षित वर्ग को दिए गए आरक्षण का लाभ न मिलने से वे इसके लाभ से वंचित हैं। उन्होंने पत्र में कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा अनारक्षित श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था। लेकिन इसका लाभ कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को नहीं मिल पा रहा है।
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