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रायफल बनवा रहे शौकिया लोग, पिस्टल स्टेटस सिंबल

भोपाल. गन रखने वाले लोगों के लिए रायफल, पिस्टल और 12 बोर के अलग-अलग मायने हैं। रायफल शौक के तौर पर रखते हैं। पिस्टल को स्टेटस सिंबल बताकर उसके लाइसेंस के लिए गृह मंत्रालय तक चक्कर काटते हैं। सिर्फ 12 बोर गन ऐसी है जिसका लाइसेंस बनवाकर लोग सुरक्षा गार्ड की नौकरी करते हैं, जिससे रोजगार बढ़ता है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद अनलॉक में कलेक्टोरेट स्थित शस्त्र शाखा को खोला गया है। 1 जून से लेकर 20 जुलाई तक 100 से ज्यादा नए लाइसेंस के आवेदन कलेक्टोरेट पहुंचे हैं।

इसमें रायफल, 12 बोर गन और पिस्टल के आवेदन हैं। पूर्व के वर्षों में करीब एक हजार आवेदन कलेक्टोरेट की शस्त्र शाखा में पहुंचते थे। इनमें से कइयों के आवेदनों को कलेक्टर द्वारा निरस्त भी किया जाता है, क्योंकि आवेदक लाइसेंस बनवाने का उचित कारण नहीं बता पाते। कोरोना पहली लहर के बाद आवेदनों की संख्या में कमी आई। नवंबर के बाद आवेदन बढऩे शुरू हुए लेकिन दूसरी लहर में फिर से दो माह के लिए शस्त्र शाखा बंद कर दी। अनलॉक के बाद अब शस्त्र का बाजार बढ़ रहा है। इस दौरान अपराध में फंसने, अवैध शिकार करते पकड़े जाने के बाद कई लाइसेंस को पुलिस की अनुसंशा के बाद निरस्त भी किया जाता है। जिले में सरकारी और निजी मिलाकर करीब साढ़े नौ हजार शस्त्र हैं।

स्पोट्र्स कोटे के बढ़ रहे कारतूस
पिछले एक साल से अधिक समय से गन से संबंधित प्रतियोगिताएं बंद हैं। कारतूस का कोटा बढ़वाने के लिए कुछ गन डीलर लगातार हाईकोर्ट की शरण में पहुंच रहे हैं। वहां से आदेश लाने के बाद यहां कारतूस का कोटा बढ़ जाता है। दो साल पहले ऐसे ही कोटे में की गई जांच के बाद कारतूस में मिली हेरफेर के बाद दो दुकानों के लाइसेंस निलंबित किए जा चुके हैं।

पहले दिखाना होगा वैक्सीन सर्टिफिकेट
आप नया गन लाइसेंस बनवाने जा रहे हैं तो पहले वैक्सीन लगवा लें वर्ना गन लाइसेंस नहीं बनेगा। एडीएम दिलीप यादव ने इस संबंध में शस्त्र शाखा के कर्मचारियों को हिदायत दी है कि वह बिना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के नए गन लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू नहीं करें। जिसको देखते हुए अब नए गन लाइसेंस बनवाने वाले वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट पेश कर रहे हैं। वर्तमान में गन लाइसेंस के रिन्यूवल का काम चल रहा है। जिसके लिए कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट नहीं मांगा जा रहा है। सिर्फ नए गन लाइसेंस और ट्रांसफर वाले लाइसेंस को लेकर ही सर्टिफिकेट की मांग की जा रही है।

कोरोना काल में दो माह तक शस्त्र शाखा बंद रही। अब फिर से आवेदन आना शुरू हुए हैं। जिनको पूरी जांच और पड़ताल के बाद की आगे बढ़ाया जाता है। शिकायतों पर कई निरस्त भी होते हैं।
- दिलीप कुमार यादव, एडीएम



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