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बिल्डर-अफसरों के गठजोड़ से ही पनप रहीं अवैध कॉलोनियां

भोपाल. प्रदेश में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (T and CP) और नगर निगम अफसरों के गठजोड़ से अवैध कॉलोनियां पनप रही हैं। अलग-अलग शहरों के विधायकों ने यही आरोप लगाए हैं। इस पर मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कमेटी बनाने की बात कही। उन्होंने कहा, विधायकों के सुझावों पर विभाग की ओर से एक कमेटी गठित की जाएगी, जो एक महीने में रिपोर्ट देगी। इसके आधार पर बदलाव करेंगे।

8 हजार अवैध कॉलोनियां
प्रदेश में करीब 8 हजार अवैध कॉलोनियां सूचीबद्ध हैं जिनमें से भोपाल में 350 अवैध कॉलोनियां में इंदौर में 1600 अवैध कॉलोनियां, ग्वालियर 696 अवैध कॉलोनियां और जबलपुर में 194 अवैध कॉलोनियां हैं। नगरीय क्षेत्र में बेहतर प्रबंधन व विकास को लेकर हुई कार्यशाला में इंदौर से विधायक महेन्द्र हार्डिया ने कहा, सहकारिता, टीएंडसीपी, निगम अधिकारी अवैध कॉलोनी के निर्माण में सहभागी हैं। इन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा, इंदौर मास्टर प्लान में भारी गड़बड़ी हुई है। इसमें इंदौर विकास प्राधिकरण के अफसरों और बिल्डरों की गठजोड़ के चलते धांधली हुई।

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अवैध कॉलोनी को वैध करने के लिए प्रावधानों में संशोधन की आवश्यकता है, लेकिन इसका परीक्षण होना जरूरी है। विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि भोपाल नगर निगम प्रशासन के कुप्रबंधन के चलते शहर की सभी सड़कें खोद दी गई हैं। इन सड़कों को नगर निगम के अधिकारी ठेकेदारों से नहीं ठीक करवा पा रहे हैं। नगर निगम और टीएण्डसीपी के अधिकारियों ने शहर के बेहतर विकास और योजना पर ध्यान नहीं दिया है। इसके चलते अवैध कॉलोनियां तैयार हुई हैं।

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2002 से हुए प्रयास
4 मई 2002 को दिग्विजय सरकार ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने का फैसला लिया था। इसके बाद शिवराज सरकार भी हर कार्यकाल में प्रयास करती रही। अब सरकार ने संशोधन विधेयक लाने के बाद इसकी कदमताल शुरू कर दी है।

ये जिम्मेदार
अवैध कालोनी को रोकने का काम नगर निगम और जिला प्रशासन का होता है। बिना भूमि उपयोग बदले ही कृषि भूमि की प्लॉटिंग करके बेच दिया जाता है। रजिस्ट्रार-कार्यालय में रजिस्ट्री हो जाती है। इस मामले में जिला प्रशासन को प्रतिबंध लगाना चाहिए।

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सरकारी प्रक्रिया क्लिष्ट होने से बनी
मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि मैं मानता हूं कि सरकारी प्रक्रिया क्लिष्ट है तो अनाधिकृत कॉलोनी बनती है। आगे भी इस तरह कार्यशाला करेंगे। नियम प्रक्रियाओं के आधार पर प्रदेश को आदर्श राज्य बनाने की कोशिश की जाएगी। मंदसौर विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने कहा कि सड़कें बनाई जाती हैं तो स्ट्रीट लाइट नहीं लगाई जाती। इससे लोगों को परेशानी होती है। अवैध कॉलोनियों में सांसद और विधायकों की निधि का उपयोग होना चाहिए।भोपाल के गोविंदपुरा से विधायक कृष्णा गौर ने कहा सडॉकों के साथ ही सीवरेज का भी मास्टर प्लान बने। इंदौर-4 से विधायक मालिनी गौड़ ने कहा कि जल-मल बोर्ड बने। जबलपुर कैंट विधायक अशोक रोहोणी ने कॉलोनी वैध करने समय सीमा की बात कही।



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