तीन दर्जन लोगों की मौत के बाद बोले जिम्मेदार- हादसा हो गया तो क्या करें! लोग बोले- एजेंट हैं पंडित-पुजारी - Web India Live

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तीन दर्जन लोगों की मौत के बाद बोले जिम्मेदार- हादसा हो गया तो क्या करें! लोग बोले- एजेंट हैं पंडित-पुजारी

इंदौर. इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी पर हवन पूजन के दौरान यहां बनी अंडरग्राउंड बावड़ी धंस गई थी जिससे करीब 100 लोेग पानी में जा गिरे। मंदिर में हुए इस बावड़ी हादसे में अब तक 35 लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी हैै। रामनवमी पर दोपहर में हुए हादसे के बाद से ही राहत और बचाव कार्य जारी हैै। सेना के जवान अभी भी रेस्क्यू में लगे हुए हैं। रात में करीब डेढ दर्जन लोगों के शव निकाले गए जिनमें बच्चे भी शामिल है। हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हो चुका है। करीब 3 दर्जन लोगों की मौत के बाद लोगों की नाराजगी भड़क रही हैै।

45 मिनट बाद चालू हुआ रेस्क्यू
मंदिर की बावड़ी की स्लैब पर हवन हो रहा था तभी स्लैब ढह गई लोेग उसमें गिर पड़े। बावड़ी करीब 40 फीट गहरी है, एक घायल ने बताया कि हादसे के बाद पानी में गिरे लोगों ने ही एक दूसरे को बचाने की कोशिश की, कई मिनटों के बाद ही बाहर से मदद मिली। इधर पानी निकालने का काम 2 घंटे बाद शुरू किया गया। कई लोगोें ने यहां लगे पाइप जाली पकड़कर खुद को बचाए रखा। कुछ लोगों का कहना कि करीब 45 मिनट बाद रेस्क्यू शुरू किया गया था। शुरूआत में एसडीआरएफ टीम ने लोगों को डूबने से बचाने के लिए लाइफ जैकेट और अस्थायी लिफ्ट लगाकर रस्सी के जरिए भी लोगों को बाहर निकाला हालांकि सरिए निकले होने से इस काम में भी परेशानी आई।

इस मामले में राज्य सरकार ने मृतकों और घायलों के परिजनों को सहायता राशि का ऐलान कर हाथ झाड़ लिए। सरकार का यह भी कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है। सीएम शिवराजसिंह चैहान ने ट्वीट कर कहा कि बावड़ी पर अधिक बोझ होने के कारण वह धंस गई। घटना की जाँच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों को ₹5.5 लाख व घायलों को ₹50.50 हजार की सहायता राशि प्रदान करने की भी बात कही हालांकि हादसे के बाद लोग क्षुब्ध हैं और सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।

भन्नाए लोग, कहा - पंडित पुजारी बन गए एजेंट
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने कहा कि लोग मंदिरों में पैसा देकर अपमानित होकर लोग दर्शन पूजन कर रहे हैं। पंडित पुजारी एजेंट बने हुए हैं। शर्म की बात है। सरकार ने भी मंदिरों को लूटने के अलावा कोई काम नही किया। हिंदुओं के हितों की बात करने वाले सिर्फ कॉर्रिडोर पर ध्यान देते हैं।

ये हैं हादसे के जिम्मेदार, जानिए क्या दे रहे सफाई
मंदिर समिति- बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में ये कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मंदिर समिति को मालूम था कि बावड़ी पर स्लेब डली है जोकि जीर्ण शीर्ण हो चुकी है, यह निर्माण भी अवैध था और सबसे बडी बात तो यह है कि यहां पहले भी हादसा हो चुका था। इन सब तथ्यों को नजरअंदाज करते हुए बावड़ी पर लोगों को बैठाकर हवन पूजन कराया जाने लगा। कुछ लोगोें का कहना है कि यहां करीब 100 लोग बैठ गए थे जिससे स्लेब धंस गया।

सफाई- हादसा हो गया तो क्या करें
मंदिर समिति के अध्यक्ष सेवाराम गलानी ने कहा कि हादसा हो गया तो क्या करें! बावड़ी की छत कमजोर होने व मौतों का जिम्मेदार कौन के सवाल पर गलानी ने कहा कि जिन्होंने छत बनाई वे तो अब रहे ही नहीं। हम मंदिर का नया निर्माण करने के बाद बावड़ी खोलनेवाले थे।

इंदौर नगर निगम
निगम ने बावड़ी को अतिक्रमण मानते हुए 30 जनवरी को नोटिस दिया था। इससे पहले पिछले साल भी एक नोटिस दिया गया था, नोटिस में बावड़ी को खोलने को कहा गया था। हालांकि निगम ने महज नोटिस जारी कर अपने कत्र्तव्य की इतिश्री कर ली, कोई कदम नहीं उठाया।

सफाई- बावड़ी खोलने को कहा था
नगर निगम के भवन अधिकारी पीआर आरोलिया कहते हैं कि बावड़ी के अवैध निर्माण पर हमने 30 जनवरी को नोटिस जारी किया। इससे पहले 2 अप्रेल को भी एक नोटिस जारी कर बावड़ी को खोल देने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए थे।



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