बिना छिला 'गन्ने का जूस' दे सकता है गंभीर बीमारी, पीने से पहले गौर करें ये 3 चीजें
भोपाल। अगर आप सड़क किनारे खड़े होकर गन्ने का जूस पी रहे हैं तो थोड़ा सा सावधान हो जाएं। शायद आप गन्ने के जूस के साथ कहीं कीटनाशक, बैक्टीरिया भी पी रहे हैं। शहर में गन्ने की छह सौ से ज्यादा छोटी-बड़ी दुकानें हैं। अधिकांश स्थानों पर बिना छीले ही जूस निकालने में गन्ने का इस्तेमाल किया जा रहा है। पड़ताल में यह हकीकत सामने आई। गर्मी में गन्ने के रस की दुकानों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन खाद्य एवं औषधि प्रशासन इनकी जांच नहीं कर रहा है।
सिर्फ दो जगहों पर नियमों का पालन
एम्स के आसपास ही आधा दर्जन दुकानें हैं। गेट के पास ही गन्ने को बिना छीले मशीन के जरिए जूस निकाला जा रहा है। यहां केवल दो जगह नियमों का पालन होता दिखा। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास भी दुकान पर जूस निकालने की मशीन लगी थी। यहां गन्ने का कुछ हिस्सा छीलकर पानी में डुबा कर रखा गया था। दूषित पानी होने पर यह भी जूस के साथ मिल गया।
बढ़ रहा है बीमारियों का खतरा
जानकारी के लिए आपको बता दें कि गन्ने में तीस तरह के कीड़े लग सकते हैं। जिनसे बचाव के लिए इण्डोसल्फान, क्लोरपाइरीफास, फेनिटोथियान सहित कई कीटनाशकों का उपयोग होता है। इनमें से कुछ ज्यादा विषैले हैं, इनका मानव शरीर पर घातक असर होता है। इससे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए जब भी गन्ने का
पीने से पहले ध्यान दें इन बातों पर
- गन्ने की चरखी पर देखें कि छिलके के साथ तो जूस नहीं निकाला जा रहा।
- बर्फ वाले गन्ने के जूस की बजाएं नॉर्मल जूस ही पिएं। आर्टिफिशियल बर्फ के सेवन से आप बीमार हो सकते हैं।
- साफ-सुथरी जगह पर ही जूस पिएं।
नियमों और हाइजीन का प्रशिक्षण दें अधिकारी
नए खाद्य सुरक्षा कानून के तहत खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की जिम्मेदारी केवल जांच और कार्रवाई तक सीमित नहीं है। बल्कि छोटे दुकानदारों को हाइजीन और नियमों की जानकारी देना भी उनकी जिम्मेदारी है। लेकिन अभी तक केवल औपचारिकता के लिए कुछ हॉकर्स कॉर्नर पर ही प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। उसका भी बाद में फॉलोअप नहीं लिया गया। अधिकारियों को इन छोटे दुकान वालों को भी पहले प्रशिक्षण देना चाहिए उसके बाद नियमों को नहीं मानने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होना चाहिए।
इससे ही नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ रोकने में मदद मिल पाएगी। इस बारे में डॉ. आदर्श बाजपेयी, एमडी का कहना है कि कीटनाशक और दूषित पानी के कारण सेहत को कई नुकसान हैं। खासतौर से गर्मियों में दिक्कत ज्यादा है। पेट की बीमारियों सहित स्नायु रोग हो सकते हैं।
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