एमपी के अमरगढ़ झरने में बह गया युवक, इन पिकनिक स्पॉट पर रहें अलर्ट
मध्यप्रदेश में मानसून चरम पर है और भारी बारिश का दौर चल रहा है। ऐसे में बारिश और झरनों का लुत्फ लेने वालों की भी कमी नहीं है। एमपी में कई पिकनिक स्पॉट हैं, जहां जाना खतरे से खाली नहीं हैं। भोपाल से 55 किलोमीटर दूर स्थित अमरगढ़ वाटर फॉल में एक युवक बह गया, शनिवार को उसकी तलाश की जा रही है।
सीहोर जिले के खटपुरा गांव से लगा अमरगढ़ झरना बारिश में आकर्षण का केंद्र बन जाता है। यह झरना धुआंधार जैसा हो जाता है। बड़ी संख्या में आसपास के शहरों के लोग पहुंचने लगे हैं। हालांकि यह सिर्फ बरसाती झरना होने और आसपास के 5 किलोमीटर के दायरे में कोई आबादी नहीं होने के कारण यहां किसी प्रकार के सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। यहां लोग अपनी रिस्क पर जाते हैं।
भोपाल का युवक बह गया
शुक्रवार को अमरगढ़ वाटर फाल देखने गया भोपाल की मिनाल रेसीडेंसी का रहने वाला आकाश जायसवाल (28) झरने में नहाने उतरा था, लेकिन तेज बहाव में बह गया। वह अपने दोस्तों अंकित जायसवाल, हर्ष राय, आदित्य भदौरिया, सीमा सुमन, डोमनिक टोपो के साथ कार से पिकनिक मनाने गए थे। शुक्रवार को दोपहर में जब वे अमरगढ़ में नहाने उतर गए। तभी आकाश का पैर फिसल गया और वो गहरे पानी में चले गया। जब वह नजर नहीं आया तो दोस्तों ने पुलिस को खबर दी। हादसे के वक्त वहां तेज बारिश हो रही थी। शाम होने के कारण प्रशासन को रेस्क्यू करने में परेशानियों का सामना करना पड़ा। पुलिस के मुताबिक एक युवक अचानक पानी में गिरकर डूब गया है। शनिवार सुबह 6 बजे के बाद दोबारा रेस्क्यू किया जाएगा।
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पातालपानी में बह गया था पूरा परिवार
70 फीट ऊंचा झरना पातालपानी के बारे में आप जानते ही होंगे। वादियों और झरने की खूबसूरती से सरोबार है। कहा जाता कि यहां जो प्राकृतिक झरना बहता है, उसकी गहराई पाताल लोक तक है। जिससे इसका नाम पातालपानी रखा है। यहां हर साल बारिश में हजारों पर्यटक आते हैं। करीब 70 फीट की ऊंचाई से झरना गिरता है। पातालपानी पर्यटन स्थल पर अब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जिसका मुख्य कारण यहां अचानक पानी का बढ़ जाना है। साथ ही खाई में फिसलन के दौरान भी कई बार लोग कुंड तक जाने के प्रयास में गिर जाते हैं। 17 जुलाई 2011 को राठी परिवार पिकनिक मनाने आया। एक ऊंचे पत्थर पर परिवार फोटो खिंचवाने लगा। तभी तेज बहाव में पांचों सदस्य बह गए।
इंदौर के पास जाम घाट
विंध्याचल की पहाड़ियों के बीच महू मंडलेश्वर मार्ग पर जाम घाट बारिश में हिल स्टेशन बन जाता है। घाट पर ऐतिहासिक जाम गेट है। इसका निर्माण महेश्वर की महारानी अहिल्याबाई होलकर ने करवाया था। वे इसी रास्ते से होकर इंदौर जाती थीं। बारिश के दिनों में प्रतिदिन खरगोन, इंदौर सहित अन्य स्थानों से सैकड़ों लोग इस जगह को निहारने आते हैं। जाम घाट पर वाहन चलाते समय सावधानी रखना चाहिए। रैलिंग के बाहर नहीं जाना चाहिए। 22 सितंबर 2019 को खाई में कार गिरने से खरगोन के पति-पत्नी की मौत हो गई थी। नवंबर 2020 में सेल्फी लेने के दौरान इंदौर की 28 वर्षीय नीतू की खाई में गिरने से मौत हुई थी।
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रायसेनः सात की हुई थी मौत
भोपाल-रायसेन रोड पर भोपाल से 35 किमी दूर सेहतगंज से उत्तर की ओर आठ किमी दूर स्थित महादेव पानी प्राकृतिक पर्यटन स्थल। यहां ऊंची चट्टानों से झरना बहते हैं। जगह-जगह पानी बहता है। पानी की धार से जगह चिकनी रहती है। यहां फिसल कर गहराई में गिरने का खतरा रहता है। 9 साल पहले हादसे में सात लोगों की मौत हुई थी। ऊंची चट्टानों पर कतई न चढ़े। पानी के बहाव में बैठकर नहाने का प्रयास न करें।
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