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4 जून को ब्राह्मणों का महाकुंभ, विधानसभा चुनाव से पहले राजधानी पहुंचेंगे 5 लाख ब्राह्मण

भोपाल. राजधानी भोपाल में 4 जून को ब्राह्मण समाज का महाकुंभ होने जा रहा है, जिसकी तैयारियां अंतिम दौर में चल रही है, इस महाकुंभ में प्रदेशभर से ब्राह्मण समाजजन शामिल होंगे, जिसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे। इस महाकुंभ में ब्राह्मण समाज की 11 सूत्रीय मांगों को लेकर चिंतन किया जाएगा। जिसमें सबसे प्रमुख परशुराम जयंती पर शासकीय अवकाश और एट्रोसिटी एक्ट में बगैर जांच के एफआइआर दर्ज नहीं करने की मांग रहेगी। विधानसभा चुनाव से पहले राजधानी भोपाल में ब्राह्मण समाज के इस महाकुंभ में करीब 5 लाख से अधिक ब्राह्मण एकजुट होंगे।

महाकुंभ को लेकर तैयार ब्राह्मण समाज

ब्राह्मण समाज 4 जून को आयोजित होने वाले महाकुंभ को लेकर तैयार है, इसके लिए पहले राजधानी भोपाल में बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें परशुराम जयंती पर ऐच्छिक अवकाश की जगह शासकीय अवकाश घोषित करने, पुजारियों को 10 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देने, मंदिरों का जीर्णोद्धार करने, गुरुकुल और गोशाला के संचालन के लिए आवश्यकता अनुसार शासकीय अनुदान देने, कथावाचकों व साधु संतों सहित ब्राह्मण समाज के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अपशब्द बोलने वाले पर सख्त कार्रवाई करने, फिर चाहे वह सोशल मीडिया पर ही क्यों न बोला हो, सभी क्रांतीकारी और स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों के परिजनों का सम्मान करने, ब्राह्मण आयोग का संवैधानिक गठन करने आदि मांगों पर चिंतन कर सरकार के समक्ष रखने की योजना बनाई जाएगी।

इस विशाल आयोजन से पहले राजधानी भोपाल से चितांमन गणेश मंदिर तक भव्य वाहन रैली के माध्यम से सैंकड़ों समाजजन पहुंचे, जहां पूजा अर्चना कर विप्रजनों का स्वागत किया गया, इस अवसर पर मध्यप्रदेश के संरक्षक डॉ जयप्रकाश पालीवाल, प्रदेश अध्यक्ष गौरी शंकर शर्मा, पुष्पेंद्र मिश्र, विनोद तिवारी सहित ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष दीपक शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष सुदीप व्यास, प्रवीण तिवारी, राजेंद्र शर्माआदि मौजूद थे।


विधानसभा चुनाव से पहले 4 जून को ब्राह्मणों का महाकुंभ


आपको बतादें कि इसी साल मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में ब्राह्मण समाज 4 जून को अपनी ताकत दिखाएगा, चूंकि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की चुनावी तैयारियां शुरू हो गई है, ऐसे में ब्राह्मण समाज भी टिकट की डिमांड कर सकता है, वैसे एमपी की राजनीति में पहले ब्राह्मणों का वर्चस्व रहा है, प्रदेश में 5 ब्राह्मण मुख्यमंत्री द्वारा 20 साल तक शासन किया है, जिसमें पहले मुख्यमंत्री के रूप में कांग्रेस के पंडित रविशंकर शुक्ल थे, इसके बाद श्यामचरण शुक्ल ब्राह्मण समाज के मुख्यमंत्री बने। इसी बीच कांग्रेस के डॉक्टर कैलाश नाथ काटजू, द्वारका प्रसाद मिश्र मुख्यमंत्री रहे।



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