Train Cancelled : दिसंबर-जनवरी में 200 से ज्यादा ट्रेनें निरस्त, 5 करोड़ टिकट कैंसिल - Web India Live

Breaking News

Train Cancelled : दिसंबर-जनवरी में 200 से ज्यादा ट्रेनें निरस्त, 5 करोड़ टिकट कैंसिल

भोपाल। अकेले नवंबर माह में ही भोपाल रेल मंडल की कम से कम 200 रेलगाड़ियों का परिचालन या तो रद्द कर दिया गया। या फिर उन्हें परिवर्तित मार्ग से चलाया गया। इसकी वजह से कम से कम 10 हजार टिकट कैंसिल हो गए। इसलिए यात्रियों को सलाह है कि यात्रा के शेड्यूल के पहले वैकल्पिक यात्रा का प्लान भी बनाकर रखें। क्योंकि रेलवे को भी नहीं पता है कि कब कौन सी ट्रेन डायवर्ट कर दी जाएगी या फिर उसे कैंसिल कर दिया जाएगा। रेल मंडल का कहना है कि दिसंबर और जनवरी तक ट्रेनों के निरस्त होने का सिलसिला जारी रहेगा।

निरस्त क्यों हो रही ट्रेनें

रेलवे भोपाल, प्रयागराज, बिलासपुर और मथुरा मंडल में रेलवे ट्रैक मेंटेनेंस कार्य कर रहा है। बुधनी बरखेड़ा रेल खंड पर तीसरी लाइन को डिजिटल सिग्नल प्रणाली से जोड़ा जा रहा है। इसलिए ट्रैक को खाली रखना पड़ता है। आकस्मिक कारणों के चलते यात्री ट्रेनों को डायवर्ट या निरस्त किया जाता है। टिकट रिफंड का घाटा पूरा करने के लिए रेलवे के पास आय के अन्य स्रोत भी मौजूद हैं।- हर्षित श्रीवास्तव, सीपीआरओ

छह माह में 50 हजार टिकट वापस

पिछले छह माह की बात करें तो अकेले भोपाल रेल मंडल में ही 50 हजार टिकट निरस्त हुए। प्रति टिकट औसतन एक हजार रुपए के हिसाब से रेलवे को 5 करोड़ रुपए टिकट निरस्त होने पर वापस करने पड़े। इसी तरह पार्सल गाडिय़ां निरस्त होने से रेलवे को प्रति ट्रेन कम से कम 30 लाख का नुकसान हुआ। हालांकि, रेलवे का कहना है कि बीते वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस बार यात्री टिकट, जुर्माना और पार्सल यान से दोगुनी आमदनी हुई है।

5 साल में पांच करोड़ टिकट कैंसिल

बीते 5 साल में देशभर में करीब 5 करोड़ टिकट या पीएनआर रद्द हुए। अकेले 2021-22 में 1.60 करोड़ लोग कंफर्म टिकट न होने के कारण कई यात्री यात्रा नहीं कर सके। 2019-20 में औसत वेटिंग लिस्ट में 8.9 फीसदी की कमी आई। फिर भी 13.3 फीसदी टिकट कन्फर्म नहीं हुए। इसलिए 84,61,204 पीएनआर नंबर से जुड़े करीब सवा करोड़ यात्री यात्रा नहीं कर सके।

एक्स्ट्रा कोच लगाकर दे रहे सुविधा

भोपाल रेल मंडल में ट्रेनों के निरस्त होने के बाद बाकी ट्रेनों में एक्स्ट्रा कोच लगाए जा रहे हैं। भोपाल और रानी कमलापति स्टेशन से गुजरने वाली करीब 15 रेल गाड़ियों में एक्स्ट्रा कोच लगाए गए हैं।

यह कहानी रोज की

भोपाल और आरकेएमपी रेलवे स्टेशन के मुख्य गेट पर हर रोज कुछ मायूस यात्रियों को बैठे देखा जा सकता है। स्टेशन पहुंचने पर पता चलता है कि ट्रेन निरस्त है। उन्हें बस या किसी अन्य ट्रेन से धक्के खाते हुए सफर करना मजबूरी है। इससे अब तक सैकड़ों लोगों की यात्रा की योजना बिगड़ चुकी है। जो ट्रेनें चल रही हैं, उनके जनरल कोचों में पैर रखने की जगह नहीं है इससे लोग परेशान होते हैं।

सुगम यात्रा के करने होंगे उपाय
नितेश लाल, सदस्य यात्री सलाहकार समिति

शानदार वंदे भारत ट्रेन और शताब्दी जैसी रेलगाडिय़ों की अबाध और आरामदेह यात्रा से हम खुशफहमी के शिकार हैं। जबकि, हकीकत कुछ और है। त्योहारी मौसम में लोग ट्रेनों में संघर्ष करते नजर आए। इधर, हर रोज तकरीबन दर्जनों गाडिय़ां निरस्त हो रहीं। इस वजह से लोग कई-कई घंटों धक्के खाते हुए बिना सोये सफर को मजबूर हो रहे। जबकि, सरकार ने वाहवाही लूटी कि दीवाली और छठ पूजा पर 24 लाख अतिरिक्त यात्रियों के लिए 1,700 अतिरिक्त विशेष ट्रेन संचालित की गयीं। लेकिन, इन अतिरिक्त ट्रेनों को लाभ नहीं मिला। कुछ उन जगहों पर नहीं गईं जहां उन्हें जाना चाहिए था। सरकार गरीबों को आरामदेह और आकर्षक यात्रा मुहैया करा पाने में नाकाम रही।

सरकार 30,000 करोड़ रुपए पटरियों के दोहरीकरण और करीब 40,000 करोड़ रुपए रोलिंग स्टॉक पर खर्च कर रही है। जाहिर है इसका फायदा आगे मिलेगा। लेकिन फौरी तौर पर तो खानपान की गुणवत्ता में सुधार जरूरी है। क्योंकि अनारक्षित सामान्य श्रेणी के यात्रियों का अनुभव अभी दशकों पहले जैसा ही है। यात्रा के दौरान लगातार यात्रियों के मोबाइल फोन बजते रहते हैं। ऐसे में आरक्षित डिब्बों में यात्रा बेमतलब है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/BRblyhi
via

No comments