MP Election 2023: कुछ विधायक ऐसे भी...जहां दिखा दम, वहां झुक गए हम - Web India Live

Breaking News

MP Election 2023: कुछ विधायक ऐसे भी...जहां दिखा दम, वहां झुक गए हम

विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस विधायक सचिन बिरला और भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने इस्तीफा दे दिया। दोनों पांच साल समय-समय पर दूसरे दलों को अप्रत्यक्ष समर्थन देते रहे। अब विधायक की सीट खाली हुई है। ऐसे और भी विधायक हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से दूसरे दलों को समर्थन देते रहे, लेकिन उन्होंने न तो पहले इस्तीफा दिया और न अब दिया। वजह दलबदल कानून के फंदे से बचने और सियासी मौके का फायदा उठाने के लिए वे ऐसा करते रहे। कुछ तो भाजपा-कांग्रेस दोनों को फायदे के हिसाब से समर्थन दिया। जब जिसकी सरकार रही, उसके साथ अप्रत्यक्ष तौर पर हो गए। नियमों की पेंचीदगियों से ये विधायक कानूनी कार्रवाई से बचते रहे। अब 16वीं विधानसभा के गठन के साथ इनके समीकरण बदल जाएंगे।

ये होते रहे 5 साल इधर-उधर

सचिन बिरला

2018 में कांग्रेस से विधायक बने। वर्ष 2020 में कांग्रेस सरकार गिरी तो परदे के पीछे भाजपा को सपोर्ट करते रहे। विधानसभा चुनाव के ऐन पहले भाजपा में शामिल हो गए। चुनाव के समय अब विधायकी से इस्तीफा दिया। भाजपा से चुनाव मैदान में कूदे।

केदार डावर

भगवानपुरा से पहली बार के विधायक हैं। निर्दलीय जीते थे। कांग्रेस को सपोर्ट करते रहे। सरकार गिरी तो साइलेंट हो गए। इस बार कांग्रेस चुनाव लड़े।

विक्रम राणा

- पहली बार के विधायक हैं। निर्दलीय जीते थे। भाजपा का समर्थन करते रहे, भाजपा में शामिल हुए। इसी पार्टी चुनाव लड़े। विधायकी से इस्तीफा नहीं दिया।

सुरेंन्द्र सिंह 'शेरा'

- 2018 में निर्दलीय विधायक बने। कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया। सरकार गिरी तो परदे के पीछे भाजपा के साथ गए। इस बार कांग्रेस से चुनाव लड़े। इस्तीफा नहीं दिया।

राजेश शुक्ला

- बिजावर से 2018 में सपा से जीते। कांग्रेस सरकार को समर्थन। सरकार गिरी तो भाजपा को अप्रत्यक्ष समर्थन, भाजपा में शामिल। इस बार कांग्रेस से लड़े।

प्रदीप जायसवाल

- 2018 में निर्दलीय जीते। कांग्रेस सरकार को समर्थन देकर मंत्री बने। सरकार गिरी तो भाजपा को समर्थन देकर खनिज निगम के अध्यक्ष बने। भाजपा से चुनाव लड़े। विधायकी से इस्तीफा नहीं दिया है।

नारायण त्रिपाठी

- 2018 में भाजपा से विधायक बने। कांग्रेस सरकार आई तो अप्रत्यक्ष समर्थन दिया। सरकार गिरी तो भाजपा को समर्थन। इस बार खुद की पार्टी से चुनाव लड़े। अब विधायकी से इस्तीफा।

 

ये भी अहम: क्रॉस वोटिंग भी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के निर्वाचन के समय कांग्रेस के कुछ विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। भाजपा ने आदिवासी के मुद्दे पर वोट मांगा था। इन विधायकों को लेकर कांग्रेस में संदेह की स्थिति रही। हालांकि फिर कभी क्रॉस वोटिंग नहीं की।

16वीं विधानसभा में कुछ ऐसे चेहरे संभव

15वीं विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने को है। 3 दिसंबर को मतगणना के बाद 16वीं विधानसभा के गठन प्रक्रिया शुरू होगी। इस बार भी कुछ ऐसे चेहरे हो सकते हैं। हालांकि पार्टियां इस बार अलर्ट हैं।

ये भी पढ़ें : MP Election 2023: पहले खोलना होगा बड़ा लिफाफा, यदि एक सामग्री मिलती है तो माना जाएगा निरस्त
ये भी पढ़ें : mp election 2023 कलेक्टर बोले मतगणना रहेगी धीमी, जब तक संतुष्ट नहीं हो जाएंगे अगले राउंड की नहीं होगी शुरुआत



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/antXWzM
via

No comments