कांग्रेस है 'जलता हुआ घर', अब मोह भंग ! सरकारी नौकरी छोड़ राजनीति की पिच पर आई थीं निशा बांगरे
भोपाल। सरकारी नौकरी और अफसरी छोड़ राजनीति की पिच पर कदम रखने वालीं निशा बांगरे का अब मोह भंग हो गया है। उन्होंने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को भेजे दो पन्नों के इस्तीफे में लिखा है कि विधानसभा चुनाव में टिकट का वादा पूरा नहीं हुआ। बाद में कहा गया कि लोकसभा चुनाव में टिकट दिया जाएग। उन्होंने कांग्रेस को जलता हुआ घर बताया। इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है।
इसलिए आई थीं.....
निशा ने राजनीति में आने का कारण बताते हुए लिखा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने संसद की ओर इशारा कर हमें इंगित किया कि मेरे समाज के लोगो संसद रूपी मंदिर में पहुंचकर राजनीतिक हिस्सेदारी अर्जित करो। वंचित वर्ग की आवाज बनो। उनके इशारे को आत्मसात करने के लिए राज्य प्रशासनिक सेवा का पद त्याग दिया। तब समझती थी कि कांग्रेस से जुड़कर समाज के शोषित, पीड़ित और वंचित लोगों का प्रतिनिधित्व कर बाबा साहब के सपनों को साकार करूंगी, लेकिन पिछले छह महीने से कांग्रेस की नीयत का करीब से आकलन कर पाया कि पार्टी ने मुझे विधानसभा में टिकट देने का वादा किया।
मुझे चुनाव लड़ने से रोका
229 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए और आमला सीट मेरे लिए होल्ड कर रखने का दिखावा किया। समाज के वोट बटोरने चाहे। खुद साजिश कर मुझे चुनाव लड़ने से रोका। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में नारी सम्मान के लिए कोई स्थान नहीं है। इसका उदाहरण लोस चुनाव में मप्र में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व न देना है। बता दें कि निशा सरकारी नौकरी पाने के लिए भी प्रयासरत हैं। उन्होंने नौकरी से दिए गए इस्तीफे को वापस लेने के लिए सरकार से आग्रह किया है। पत्रराज्य सरकार के पास लंबित है
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