महाशिवरात्रि वाले दिन गलती से भी न करें ये 1 काम, नाराज हो जाएंगे महादेव, सब कुछ हो जाएगा तबाह

भोपाल। शिव भक्तों को लिए महाशिवरात्रि बहुत बड़ा पर्व है। शहर के ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश शर्मा बताते है कि शिवरात्रि हर माह आती है मगर फाल्गुन मास में आने वाली महाशिवरात्रि कुछ ज्यादा ही खास होती है। इस बार शिवरात्रि सोमवार को ही पड़ रही है। वहीं पंडित जी बताते है कि इस बार महाशिवरात्रि पर अद्भुत संयोग बन रहा है और इस दिन व्रत रख कर शिव जी की अराधना करने से कई गुना ज्यादा पुण्य प्राप्त होगा।

ऐसे करें महाशिवरात्रि की पूजा
ध्यान रखें कि अगर आप महाशिव रात्रि का व्रत रख रहे है तो पूरे दिन शिव मंत्र ऊं नम: शिवाय का जाप करें। बिना आहार के पूरा व्रत रहे तो बहुत अच्छा है लेकिन अघर आपको किसी प्रकार का कोई रोग है या आप वृद्ध है तो पूरे दिन में फलाहार लेकर शाम के समय अपने व्रत को तोड़ सकते हैं। व्रत तोड़ने से पहले शाम के समय स्नान करके किसी शिव मंदिर में जाकर अथवा घर पर ही पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके त्रिपुंड एवं रुद्राक्ष धारण करके पूजा का संकल्प इस प्रकार लें साथ ही इस मंत्र का जाप भी करें.....
ममाखिलपापक्षयपूर्वकसलाभीष्टसिद्धये शिवप्रीत्यर्थं च शिवपूजनमहं करिष्ये

जरूर करें इस मंत्र का जाप
सोमवार के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करके और उसी दिन सोमवार का व्रत का संकल्प ले कर शिवालय में जाकर सबसे पहले शुद्ध जल से शिवलिंग का अभिषेक करे और इस मंत्र का जाप करे....
ऊँ महाशिवाय सोमाय नम:।
फिर उसके बाद गाय के शुद्ध कच्चे दूध से शिवलिंग पर अर्पित करे। यह करना मनुष्य के तन मन धन से जुडी परेशानियों को ख़त्म करता है |
भूलकर भी न करें ये काम
हमेशा ध्यान रखें कि शिव जी की पूजा के दौरान कभी भी कुछ चीजों को भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए। जिन चीजों की हम बात कर रहे हैं उन चीजों को शास्त्रों में भी मना किया गया है। कभी भी शिव जी की पूजा में शंख नहीं बजाना चाहिए। पंडित जी बतीते है कि भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था, जो भगवान विष्णु का भक्त था। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है। इसलिए शिवजी की पूजा में कभी भी शंख नहीं बजाना चाहिए।

इसलिए मनाई जाती है महाशिवरात्री
हर साल फाल्गुन मास की चतुदर्शी को मनाए जाने वाले महाशिवरात्री के त्योहार की हिंदू धर्म में विशेष मान्यता है। कहा जाता है कि इस दिन भागवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए इस दिन भोलानाथ और मां पार्वती की पूजा विशेष महत्व होता है। भगवान शिव को यूं तो भोलेनाथ कहा जाता है, क्योंकि बड़ी आसानी से किसी को भी वरदान दे देते हैं।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2Xut5GV
via
Post Comment
No comments