क्या प्रज्ञा की तारीफ कर रही है उमा, या फिर मार रहीं है तंज
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री उमा भारती अपनी तुलना साध्वी प्रज्ञा से किए जाने पर उन्हें महान बता रही हैं।
उमा भारती का इस तरह प्रज्ञा के लिए बयान देना चर्चा का विषय बना हुआ है।
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा आम हो चली है कि पार्टी ने दिग्विजय के सामने उमा से ज्यादा बेहतर प्रत्याशी प्रज्ञा को माना है।
हालांकि उनके विवादित बयानों से चंद दिनों में पार्टी को कई बार बैकफुट पर भी आना पड़ा।
उमा भारती ने एक दिन पहले कटनी में मीडिया के एक सवाल.... क्या मध्य प्रदेश में उमा भारती का स्थान साध्वी प्रज्ञा ले रही हैं। जवाब देते हुए कहा था कि प्रज्ञा महान संत है। उनकी तुलना मेरे से नहीं की जा सकती है।
उन्होंने यहां तक कह दिया कि मैं तो साधारण मूर्ख किस्म की प्राणी हूं।
ऐसे में आप लोग मेरी तुलना प्रज्ञा ठाकुर से न करें तो बेहतर होगा।
दूसरे दिन भी उमा ने कुछ इसी तरह का बयान फिर से मीडिया को दिया।
उन्होंने पन्ना दौरे पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि प्रज्ञा ठाकुर बड़ी संत हैं, वह महामंडलेश्वरी हैं, उनसे मेरी तुलना मत कीजिए, मैं किसी काम की नहीं।
उन्होंने कहा कि प्रज्ञा जमानत पर हैं, राहुल और सोनिया भी जमानत पर हैं।
इसीलिए अगर उनके चुनाव लड़ने पर कोई आपत्ति नहीं तो प्रज्ञा पर भी चुनाव लड़ने पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
साध्वी प्रज्ञा मेरे से बहुत बड़ी हैं, वह महामंडलेश्वरी हैं, मेरी तुलना उनसे नहीं की जा सकती मैं किसी काम की नहीं हूं।
बता दें, भोपाल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को मैदान में उतारा है। साध्वी प्रज्ञा का भोपाल सीट पर कांग्रेस के महासचिव और प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के साथ मुकाबला है। साध्वी प्रज्ञा के मैदान में आने से भोपाल सीट हाईप्रोफाइल हो गई है। सभी की नजरें इस सीट पर लगीं है। इसके पहले इस सीट के लिए उमा भारती का नाम भी चला था। लंबे समय तक फैसला न होते देख उमा भारती ने लगातार टवीट कर खुद चुनाव न लड़ने से इंकार किया था। इसके बाद पार्टी ने प्रज्ञा को प्रत्याशी बनाने की घोषणा की।
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