वन्य प्राणियों को भी लगने लगी ठंड, गर्माहट देने लगे हीटर, हाउसिंग में लगाए परदे - Web India Live

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वन्य प्राणियों को भी लगने लगी ठंड, गर्माहट देने लगे हीटर, हाउसिंग में लगाए परदे

भोपाल. सर्दी के मौसम के जोर पकडऩे के साथ ही वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में वन्य प्राणियों की सुविधा के लिए इंतजामात किए जाने शुरू कर दिए गए है। वन विहार प्रबंधन ने वन्य प्राणियों के बाड़े में हीटर लगवा दिए हैं इसके साथ ही वन्य प्राणियों के हाउसिंग में पर्दे लगाकर ठंडी हवा रोकने के इंतजाम किए जा रहे हैं। यह व्यवस्थाएं ठंड के पूरे मौसम में जारी रखी जाएंगी।

वन विहार डिप्टी डायरेक्टर एके जैन ने बताया कि सर्दियों में वन्य प्राणियों को स्वस्थ रखने और उन्हें आरामदायक माहौल देने के लिए हर साल विशेष प्रबंधन किए जाते हैं। इस वर्ष पिछले सप्ताह में ठंड के तीखे होते तेवरों के बाद गर्माहट की व्यवस्था करनी शुरू कर दी गई है। वन्य प्राणियों की हाउसिंग के खिड़की दरवाजों पर मोटे परदे लगाए गए हैं, साथ ही रूम हीटर लगाए गए हैं।

गौरतलब है कि वन विहार में वन्य प्राणियों के स्वभाव और उनकी जरूरतों केअनुसार रहवास की व्यवस्था की जाती है। सर्दी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले प्राणियों के लिए अभी से हीटर की व्यवस्था कर दी गई है वहीं स्वत: गर्म रहने वाले भालू सहित अन्य कुछ प्राणियों के लिए ठंड तीखी होने पर ही इंतजाम शुरू किए जाते हैं। इतना ही नहीं सर्दियों के अतिरिक्त सहित गर्मी बढने पर भी इसी तरह की व्यवस्था अपनाई जाती है और कूलर लगाने और पानी के छिडकाव जैसे कदम उठाए जाते हैं।

गौरतलब है कि वन विहार, भोपाल का राष्‍ट्रीय उद्यान है और यह शहर के केंद्र में स्थित है। यह पार्क 445 हेक्‍टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे ऐसी जगह बनाया गया है जहां से पूरा शहर साफ दिखाई देता है। यह स्‍थल, भोपाल आने वाले पर्यटकों के बीच विख्‍यात जगह है, हर साल हजारों पर्यटक यहां की सैर के लिए आते है। इस राष्‍ट्रीय पार्क में साल भर घास के मैदान, हरे - भरे रहते है।

इस पार्क में शाकाहारी और मांसाहारी की विस्‍तृत विविधता का घर है जो यहां के प्राकृतिक निवास में रहते है। हालांकि, यह पार्क एक छोटा सा चिडियाघर भी कहलाया जा सकता है, यहां जू की तरह काफी जानवर है। वन विहार में भारत के विभिन्‍न राज्‍यों से आने वाले अनाथ जानवरों को भी रखा जाता है। कई जानवरों को यहां से अदला - बदली भी करके भी दूसरे चिडियाघरों में ले जाया जाता है।

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