जैविक उत्पादों का संदेश ले जय जगत यात्रा पहुंची भोपाल, गैस त्रासदी के मृतकों को दी श्रद्धांजलि

भोपाल/ यूनियन कार्बाइड कारखाने से लीक हुई गैस के कारण बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। एक ओर हजारों लोग मारे गए और लाखों लोगों पर इसका असर हुआ, तो दूसरी ओर प्रकृति का बड़े पैमाने पर विनाश हुआ। यूनियन कार्बाइड हादसा प्रकृति और मानव के खिलाफ हिंसा का प्रतीक है। लालच और पूंजीवादी विकास के मॉडल में अहिंसा के लिए जगह नहीं होती। हमें गांधीवादी विचारों पर आधारित व्यवस्था और गांधीवादी विकास के मॉडल को अपनाना होगा, जिसमें सबके हित और न्याय की बात हो।
यह बातें मंगलवार को विश्व शांति एवं न्याय के अभियान पर निकले 'जय जगत 2020 यात्रा की अगुवाई कर रहे एकता परिषद के संस्थापक गांधीवादी राजगोपाल पी.व्ही. ने गैस त्रासदी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कही। यात्रा में शामिल शांति दूत यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के सामने स्थित भोपाल गैस त्रासदी स्मृति मूर्ति के पास एकत्रित हुए थे।
श्रद्धांजलि सभा में गैस पीडि़तों के लिए संघर्षरत् साथी अब्दुल जब्बार को भी याद किया गया। 27 नवंबर को करोंद से गांधी भवन के लिए पद यात्रा निकालेंगे। एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीष कुमार ने बताया कि 2 अक्टूबर को दिल्ली के राजघाट से शुरू हुई ''जय जगत 2020 यात्रा हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कई स्थानों से होते हुए 1000 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर भोपाल पहुंची है।
जैविक और खादी उत्पादों के लगेंगे स्टॉल
अनीष ने बताया कि 28 नवंबर को शाम 4 बजे गांधी भवन में बा-बापू जन उत्सव का उद्घाटन किया जाएगा, जो 1 दिसंबर तक सुबह 9 बजे से शाम 9 बजे तक चलेगा। इसमें ग्रामीण उत्पाद, जैविक उत्पाद, खादी उत्पाद और गांधीवाद से जुड़े पुस्तकों के स्टॉल लगाए जाएंगे। इस दौरान सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी। 30 नवंबर और 1 दिसंबर को गांधी भवन में दो दिवसीय युवा सम्मेलन किया जाएगा।
विदेशी भी यात्रा में शामिल
उल्लेखनीय है कि वैश्विक शांति एवं न्याय के लिए महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्तूबर से दिल्ली के राजघाट से ‘‘जय जगत 2020’’ शुरू की गई है। यात्रा में फ्रांस, न्यूजीलैंड, केन्या, बेल्जियम और स्वीट्जरलैंड सहित 15 देशों के शांति दूत भी शामिल हैं। भारत के बाद यह यात्रा 10 देशों से होते हुए अगले साल 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय जिनेवा पहुंचेंगी, जहां शांति एवं न्याय के लिए समर्पित हजारों लोगों का समागम होगा।
भारत में यात्रा 30 जनवरी 2020 को सेवा ग्राम, वर्धा, महाराष्ट्र स्थित गांधी आश्रम पहुंचेगी, जहां बा-बापू की 150वीं एवं आचार्य विनोबा भावे की 125वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में शांति महासभा का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद यात्रा अन्य देशों के लिए रवाना हो जाएगी।
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