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जमाखोरी: तीन थोक व्यापारियों से 145 क्विंटल प्याज जब्त की

भोपाल. शहर में प्याज की कीमत कुछ दिन नियंत्रित रहने के बाद सोमवार से फिर 60 रुपए प्रति किलो पहुंच गई। दरअसल, अभी तक खाद्य विभाग का अमला सब्जी बाजारों में खुद के स्टॉल लगाकर प्याज की बिक्री कर रहा था। इस कारण रेट नियंत्रित थे और प्याज 40 रुपए तक बिकने लगी थी। अमले की ड्यूटी इज्तिमा में लगते ही आढ़तियों ने प्याज के रेट फिर से बढ़ा दिए। इस पर लगाम के लिए खाद्य विभाग ने मंगलवार को प्याज के जमाखोरों के खिलाफ जांच अभियान चलाया। तीन व्यापारियों पर स्टॉक सीमा से अधिक प्याज रखने और जमाखोरी के प्रकरण दर्ज कराए।
जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ज्योति शाह ने बताया कि आज करोंद मंडी में थोक प्याज व्यापारियों के यहां छापे में थोक व्यापारी बालाजी ट्रेडिंग, वसीम ट्रेडिंग, रमजान, फारुख ट्रेडिंग कंपनी के यहां प्याज क्रय और विक्रय का रेकॉर्ड नहीं मिला। सप्ताह में कितनी प्याज बेची इसका रेकॉर्ड भी अपडेट नहीं किया था। तीनों फर्म के खिलाफ मध्यप्रदेश प्याज व्यापारी अधिनियम में स्टॉक सीमा और जमाखोरी के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया। इनके यहां से आठ लाख 96 हजार रुपए की 145 क्विंटल प्याज जब्त की गई।
आवक नहीं होने से फिर महंगी हुई प्याज
मंगलवार को स्थानीय थोक मंडी में प्याज 3000 से 6000 रुपए क्विंटल (30 से 60 रुपए किलो) के हिसाब से बिकी। खुदरा बाजार में प्याज 50 से 60 रुपए किलो बिक रही है। थोक कारोबारी सलीम खान ने बताया कि मध्यप्रदेश में ज्यादा पानी गिरने से प्याज की फसल खराब हो गई। महाराष्ट्र एवं कर्नाटक से मंगवाई जा रही प्याज खपत के हिसाब से कम है। दिसंबर तक लोकल प्याज की आवक शुरू होने की उम्मीद है। यदि मध्यप्रदेश की प्याज की आवक होने लगेगी तो भाव अपने आप नीचे चले जाएंगे।

आम लोगों को हो रही परेशानी
प्याज की कीमत काफी तेज होने से आम लोगों की समस्या बढ गई है। लोगों का कहना है कि वैसे ही सब्जी की कीमत अधिक है। इस पर प्याज में इतनी तेजी होने से घर चलाना मुश्किल हो गया है।



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