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नॉलेज शेयरिंग के लिए डिजिटल लायब्रेरी का कांसेप्ट लाएगी सरकार

भोपाल। कमलनाथ सरकार अब प्रदेश में नॉलेज शेयरिंग के लिए डिजिटल लायब्रेरी का कांसेप्ट ला रही है। इसके तहत पांच कॉलेजों में ई-लायब्रेरी खोली जाएगी। इसके अलावा संभागीय मुख्यालयों पर भी डिजिटल लायब्रेरी का प्रोजेक्ट लाने पर काम हो रहा है। ये सभी लायब्रेरी डिजिटल प्लेटफार्म पर एक-दूसरे से लिंकअप होगी, जिससे आपस में नॉलेज शेयरिंग कर सके।

प्रदेश में लायब्रेरी के खत्म होते जा रहे महत्व को एक बार फिर कायम करने के लिए सरकार ने यह प्रयास शुरू किए हैं। इसके तहत अब डिजिटल लायब्रेरी का कांसेप्ट लाया जाना है, क्योंकि हार्ड-कॉपी के तौर पर किताबों का पढऩा लगातार कम होता जा रहा है। इसके अलावा युवाओं में आनलाइन रीडिंग हेबिट बढ़ती जा रही है। इसलिए एजुकेशन सेक्टर में रिफार्म के तहत डिजिटल लायब्रेरी का कांसेप्ट तैयार किया गया है।

इसमें पांच कॉलेजों में ई-लायब्रेरी तैयार की जाएंगी। यह पांचों लायब्रेरी प्रमुख शहरों में रहेंगी। इनमें पुराने सारे डॉक्यूमेंट को स्कैन करके ई-फार्मेट में रखा जाएगा। इन लायब्रेरी के लिए अलग से साफ्टवेयर तैयार होएक कॉमन लेन पर रहेगा, जिससे एक लायब्रेरी का एक्सेस दूसरी जगह भी खुल सके। इसमें केवल सक्षम अधिकारी ही इस कॉमन डिजिटल प्लेटफार्म का एक्सेस पा सकेगा। पांचों लायब्रेरी हेड को इसका कॉमन एक्सेस रहेगा।

भोपाल में डिजिटल लायब्रेरी, सीएस की मानीटरिंग-

दूसरी ओर स्कूल शिक्षा विभाग के तहत भोपाल में भी डिजिटल लायब्रेरी तैयार हो रही है। इसके लिए ६० करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। यह स्टेट डिजिटल लायब्रेरी के रूप में बनेगी, जिसमें डिजिटल फार्मेट में लाखों किताबों वर दस्तावेजों को रखा जाएगा। मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने इस प्रोजेक्ट को शुरू कराया है।

विश्वविद्यालयों में डिजिटल लायब्रेरी लिंकअप-

डिजिटल प्लेटफार्म पर सबसे पहले इंदौर की देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की लायब्रेरी में काम शुरू हुआ है। सूत्रों के मुताबिक अब सभी विश्वविद्यालयों में लायब्रेरी को ई-फार्मेट पर लाकर लिंकअप किया जाएगा। इसमें नॉलेज शेयरिंग के लिए कॉमन एक्सेस भी रहेगा। इससे एक विश्वविद्यालय में होने वाली रिसर्च या अध्यापन को दूसरे विश्वविद्यालय में भ्ज्ञी इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसमें सबसे महत्वपूर्ण रिसर्च पेपर रहेंगे, जो विश्वविद्यालय एक-दूसरे से शेयर कर सकेंगे।

इनका कहना-

डिजिटल क्षेत्र के लगातार बढऩे से अब सरकार डिजिटल लायब्रेरी पर काम कर रही है। इससे नॉलेज शेयरिंग आसान होगी। अभी पांच कॉलेजों में ई-लायब्रेरी बनाई जाएगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय स्तर पर भी ई-लायब्रेरी पर काम हो रहा है। - जीतू पटवरी, मंत्री, उच्च शिक्षा, मप्र

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