लाखों वाहन, सीमित रास्ते फिर भी नहीं लगने दिया जाम

भोपाल। चार दिन के आलमी तब्लीगी इज्तिमा में 10 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे। हजारों वाहन थे। इज्तिमा स्थल ईटखेड़ी पहुंचने के रास्ते भी सीमित। बावजूद इसके न तो जाम लगा और न ही कहीं यातायात रुका। इन इंतजामों में लगे पुलिस, प्रशासन के अधिकारियों के साथ हजारों वॉलेन्टिर्स की कई दिनों की मेहनत के चलते ये आसान हो पाया। इज्तिमा के समापन के बाद रास्तेभर वालेंटियर्स ने यातायात इंतजाम संभाले रखा।
वापसी सफर के लिए हुए इंतजाम
रेलवे ने जमातों की वापसी यात्रा को सुलभ करने के लिहाज से करीब 12 स्पशल ट्रेनें चलाई थीं। जिनमें आंध्रा प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली सहित कई मार्गों की टे्रनें शामिल हैं। इसके अलावा करीब 23 ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाकर भी जमातियों को सहूलियत देने की कोशिश की गई है। इधर सड़क मार्ग से घरों को जाने वाले जमातियों के लिए आरटीओ ने करीब 400 स्पेशल बसों का इंतजाम किया है। यह बसें अलग-अलग शहरों और गांवों तक जमातियों को छोडऩे के लिए भेजी गई हैं।

कमेटी में सहयोग करने कमेटी ने जताया सभी को आभार
आलमी तब्लीगी इज्तिमा के दौरान सहयोग करने वाले सभी लोगों और संस्थाओं का इज्तिमा इंतेजामिया कमेटी ने शुक्रिया अदा किया है। कमेटी के प्रवक्ता अतीक उल इस्लाम ने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नगर निगम, पीएचई, विद्युत विभाग, रेलवे, संचार निगम, स्वास्थ्य विभाग के सभी जमीनी कर्मचारियों और आला अधिकारियों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि इन्हीं के प्रयासों से आलमी तब्लीगी इज्तिमा की व्यवस्थाएं दुरुस्त हो पाई हैं और इन्हीं की कोशिशों से एक बेहतर आयोजन हो पाया है। उन्होंने शहरभर में मुस्तैद रहे वालेंटियर्स, रेलवे स्टेशन और बस स्टेंड के अलावा विभिन्न स्थानों पर इस्तकबालिया कैम्प लगाने वाली संस्थाओं का भी शुक्रिया अदा किया है।
सुरक्षा के लिहाज से हर जगह थी नजर
सुरक्षा के लिए यहां कंट्रोल रूम बना था। लोगों की आवाजाही से लेकर व्यवस्थाओं तक हर जगह पुलिस प्रशासन की नजर थी। डीआईजी इरशाद वली और कलेक्टर तरुण पिथोड़े सुबह से ही नए ब्रिज के पास बैठकर व्यवस्था पर नजर बनाए हुए थे, धूल, गर्दी और वाहनों से उठते धुंए से बचाव के लिए दोनों ने मॉस्क लगा रखे थे।
इज्तिमा से जुड़ी ये दो बातें रहीं सुर्खियों में ...
इज्तिमागाह में नॉनवेज पाबंदी को लेकर मामला आया। बाद में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने मामले में किसी भी तरह की पाबंदी न होने की बात कहीं लेकिन फिर भी कई फूडजोन पर वेज खाना परोसा गया। दूसरे मामले में इज्तिमा के आयोजन को शिफ्ट करने की बात निकली। सरकार ने अचारपुरा में 150 एकड़ जमीन देने की पेशकश की गई। उलेमाओं ने जगह बदले जाने को मंजूरी नहीं दी जिसके चलते मामला खत्म हो गया।
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