इस मंदिर में साथ-साथ हैं भगवान शिव और भगवान विष्णु के 9वें अवतार , कई मायनों में अनोखा है ये - Web India Live

Breaking News

इस मंदिर में साथ-साथ हैं भगवान शिव और भगवान विष्णु के 9वें अवतार , कई मायनों में अनोखा है ये

सनातन धर्म में मंदिर अस्था के प्रतीक का स्वरूप है, ऐसे में भारत देश में लाखों की संख्या में छोटे बड़े मंदिर हैं। वहीं इनमें से कुछ मंदिर अपने रहस्‍यों या फिर अद्भुत इतिहास के चलते पूरे विश्‍व में जाने जाते हैं।

इन मंदिरों में जहां कभी ईश्वर भक्ति के साथ ही पंरपराओं के जरिए मानव सभ्‍यता को संभालने के संदेश मिलते हैं, तो कभी अनेकता में एकता का सूत्र देखने को मिलता है। ऐसा ही मंदिर दार्जीलिंग की वादियों में भी है।

जहां एक साथ दो धर्म पूजे जाते हैं। इसमें भी सबसे खास बात ये है कि ये कार्य अलग-अलग स्‍थानों की बजाए एक ही स्‍थान पर होता है। यही नहीं शिवरात्रि पर तो यहां का नजारा और भी अलग होता है। देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां आते हैं। भोले बाबा की पूजा के साथ ही गौतम बुद्ध की उपासना भी करते हैं।

MUST READ : यहां हुआ था शिव-पार्वती का विवाह, फेरे वाले अग्निकुंड में आज भी जलती रहती है दिव्य लौ

https://www.patrika.com/pilgrimage-trips/land-of-lord-shiv-parvati-marriage-6085339/

दार्जीलिंग की वादियों में ‘होली हिल’ के नाम से प्रसिद्ध स्‍थान पर एक महाकाल मंदिर स्‍थापित है। यहां हिंदू और बौद्ध धर्म के अनुयायी एक साथ पूजा-अर्चना करते हैं। दो धर्मों को जोड़ने वाला यह अद्भुत मंदिर है।
वैसे तो हिंदुओं में बुद्ध को भगवान विष्णु के ही अवतार की मान्यता प्राप्त है, लेकिन एक अलग धर्म बन जाने के बावजूद बुद्ध को यहां शिव के साथ ही पूजा जाता है।

मंदिर प्रांगण : इनकी प्रतिमा भी है मौजूद
महाकाल मंदिर में भगवान शिव जी और गौतम बुद्ध के अलावा छोटे-छोटे और भी मंदिर हैं। इनमें गणेश जी, काली माता, मां भगवती और हनुमान जी की प्रतिमाएं स्‍थापित हैं। इसके अलावा यहां पर एक गुफा भी है जहां बौद्ध धर्म के अनुयायी प्रार्थना करते हैं।

MUST READ : एक के बाद एक करके लगातार आ रहे हैं तीन ग्रहण, इनके सूतक काल में भूलकर भी न करें ये गलती

https://www.patrika.com/religion-and-spirituality/3-eclipse-just-in-31-days-between-june-to-july-2020-what-will-happen-6088493/

मंदिर में प्रवेश के साथ ही स्‍वर्ग सी अनुभूति
दार्जीलिंग के इस महाकाल मंदिर में प्रवेश करते ही स्‍वर्ग जैसी अनुभूति होने लगती है। यहां खूबसूरत वादियों के बीच बसे इस बेहतरीन मंदिर को देखकर लगता है प्रकृति इसपर पूरी तरह मेहरबान है। यहां प्रवेश द्वार पर घंटें और बौद्ध धर्म के प्रतीक लगे हुए हैं।

मध्‍य भाग में बसते हैं भोलेनाथ
गोल आकार में बने इस मंदिर के संबंध में जानकारों का कहना है कि महाकाल मंदिर हिंदू ऑर्किटेक्‍चर का बेहतरीन नमूना है। इस मंदिर के मध्‍य भाग में शिवलिंग है। वहीं प्रवेश द्वार पर नंदी बाबा विराजते हैं। जबकि शिवलिंग के ठीक बगल में ही गौतम बुद्ध की प्रतिमा है। ऐसे में यहां दोनों ही धर्मों के पुजारी एक साथ पूजा-अर्चना करते हैं।

MUST READ : लुप्त हो जाएगा आठवां बैकुंठ बद्रीनाथ : जानिये कब और कैसे! फिर यहां होगा भविष्य बद्री...

https://www.patrika.com/astrology-and-spirituality/eighth-baikunth-of-universe-badrinath-dham-katha-6075524/

हनुमान पूजा से लेकर बुद्ध जयंती तक सब मनाईं जाती हैं धूम-धाम से...
यूं तो इस मंदिर में हमेशा ही रौनक रहती है, लेकिन शिवरात्रि के मौके पर यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं। महाकाल मंदिर की सरस्‍वती पूजा, गणेश पूजा, हनुमान पूजा और दुर्गा माता पूजा भी काफी प्रसिद्ध है। इसके अलावा बुद्ध जयंती भी काफी धूम-धाम से मनाई जाती है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3fDOrut
via

No comments